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तावड़ू तहसीलदार सहित सात आरोपियों पर कार्रवाई लंबित, पुलिस जांच के नाम पर फाइल दबा रही
संवाद न्यूज एजेंसी
तावडू। उपमंडल में ग्राम पंचायत सराय की बहुमूल्य पंचायती भूमि के अवैध पंजीकरण से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले में पुलिस की सुस्ती सवालों के घेरे में है। गत 10 नवंबर को ब्लॉक डेवलपमेंट एंड पंचायत ऑफिसर (बीडीपीओ) तावडू अरुण कुमार यादव की शिकायत पर मोहम्मदपुर अहिर थाने में तहसीलदार सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के एक प्रमुख राजनेता का हस्तक्षेप होने से यह मामला जांच के नाम पर दबाया जा रहा है, खासकर आरोपी तहसीलदार को बचाने की कोशिश की जा रही है। यह घोटाला करीब 60 करोड़ रुपये कीमत वाली लगभग 5 एकड़ पंचायती जमीन से जुड़ा है।
जमाबंदी रिकॉर्ड 2016-17 के अनुसार, गांव गंगानी की ग्राम पंचायत सराय की यह भूमि है, जो कुल 37 कैनाल 5 मरला क्षेत्र में फैली हुई है। बीडीपीओ की शिकायत में आरोप है कि कंसोलिडेशन प्रक्रिया के दौरान सूरजमल पुत्र दलीप सिंह के वारिसों के नाम पर फर्जी बिक्री पत्र तैयार कर इस जमीन को गलत तरीके से पंजीकृत कराया गया। महिला तहसीलदार ने राजस्व रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से पंचायत की संपत्ति होने के बावजूद बिना सत्यापन के यह पंजीकरण करवाया। शिकायत में मुख्य आरोपी के रूप में तावड़ू महिला तहसीलदार, धर्मपाल कैलाश देवी, राकेश,अमित, सतबीर उर्फ सत्ते और ज्ञानचंद निवासी कोटा खंडेवला को नामजद किया गया।
बीडीपीओ ने इस घोटाले के उजागर होने पर एसडीएम और डीसी को शिकायत की थी, जिसके बाद डीसी के आदेश पर एडीसी द्वारा जांच की गई और उसके आधार पर एफआईआर दर्ज हुई। लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने जांच में कोई प्रगति नहीं दिखाई है। वहीं, मोहम्मदपुर अहिर थाना प्रभारी वीरेंद्र ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
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Gurugram News: पंचायती भूमि के 60 करोड़ के गबन मामले में केस दर्ज होने के बाद नहीं हुई कार्रवाई
