अस्पताल में नहीं रहता स्टाफ, 15 हजार आबादी वाले गांव की स्वास्थ्य सेवाएं झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर
समुदाय स्वास्थ्य अधिकारी के इंतजार में खंडहर हो गई लाखों रुपये की बिल्डिंग
मोहम्मद मुस्तफा
पिनगवां। जिले के 15 हजार आबादी वाले गांव रीठट के लोगों की स्वास्थ्य सेवाएं पिछले लंबे समय से झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे हैं। यहां सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च कर बनाया गया उप-स्वास्थ्य केंद्र का भवन बिना स्टॉफ और देखरेख के अभाव में खंडहर हो गया, लेकिन ग्रामीणों को इस पर आज तक बुखार की दवा तक नसीब नहीं हो पाई। विभाग की अनदेखी के कारण गांव में गर्भवतियों का टीकाकरण भी समय पर नहीं हो पा रहा है। इस समस्या से रीठट गांव के लोग खासा परेशान हैं। लोगों का कहना है कि उप-स्वास्थ्य केंद्र में स्टॉफ बैठने का मामला पिछले लंबे समय से उठाया जा रहा है, लेकिन विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
रीठट निवासी हाजी जब्बार, हाजी अय्यूब, फारुख, हनीफ, नूर मोहम्मद, जमशेद, अब्दुल गफ्फार, जाहिद मुस्तफा ने बताया कि साल 2008 में उनके गांव को प्राथमिक उपचार देने के लिए लाखों रुपये की लागत खर्च कर बनाया उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन सरकारी सिस्टम और विभाग की लापरवाही के कारण खंडहर हो गया है, जिसमें बनने के बाद से आज तक समुदाय स्वास्थ्य अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई। आलम यह है कि उप स्वास्थ्य केंद्र में न तो दरवाजे सही सलामत हैं और ना ही खिड़की। अनदेखी के चलते चारों तरफ घनी घास और कटीली कीकरों ने कब्जा किया हुआ है। शरारती लोगों ने इसे अब शौचालय बना लिया है। लोग नजर बचाकर उप स्वास्थ्य केंद्र की खंडहर बिल्डिंग में शौच कर रहे हैं।
झोलाछाप डॉक्टरों की मौज
लोगों को उप स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के कारण छोटी मोटी बीमारी के लिए झोलाछाप डॉक्टरों को बुलाना पड़ता है। लोगों को बुखार, खांसी और जुकाम जैसी छोटी मोटी बीमारी का इलाज कराने की एवज में मोटी रकम देनी पड़ती है। मजबूरी के कारण लोग झोलाछाप डॉक्टरों से ही अपना इलाज करा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने लोगों की इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। मजबूरी में लोगों ने झोलाछाप डॉक्टरों को ही अपना रखा है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
1 गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग को बने करीब 15 साल का समय बीत गया है लेकिन, आज तक यहां पर किसी भी डॉक्टर या कर्मचारी को नहीं लगाया गया। अनदेखी और रखरखाव के अभाव में तमाम बिल्डिंग कंडम हो चुकी है, जो अब सांप बिच्छुओं का घर बन चुकी है। – हाजी अय्यूब, ग्रामीण।
2 सरकार और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभाग को इस बारे में लोगों ने कई बार अवगत कराया है, लेकिन उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी समय पर नहीं हो पा रहा है। – हनीफ, ग्रामीण।
3 अनदेखी के कारण उप स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग खंडहर हो गई है, जिसमें सही सलामत दरवाजे और खिड़की भी नहीं बचे हैं। गांव की आबादी 15 हजार से भी अधिक है लेकिन, सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं की कोई व्यवस्था नहीं है। हमारी सरकार से मांग है कि उप स्वास्थ्य केंद्र की कंडम बिल्डिंग को दोबारा बनवाकर यहां स्टॉफ को नियुक्त किया जाए। – जाहिद मुस्तफा, ब्लॉक समिति मेंम्बर।
4- सरकारी सेवाओं का लाभ नहीं मिलने के कारण गरीब लोग परेशान हैं। झोलाछाप डॉक्टरों से बुखार की दवाई लेने की एवज में भी कई सौ रुपये देने पड़ते हैं। जबकि बहुत से लोग तो ऐसे हैं, जिनके खाने के भी लाले पड़े हुए हैं।
-जब्बार, ग्रामीण।
रीठट गांव के उप-स्वास्थ्य केंद्र में सीएचओ की पोस्ट खाली है। उच्चाधिकारियों को खंडहर बिल्डिंग की मांग भेजी हुई है। मंजूरी मिलने के बाद नई बिल्डिंग बनवाई जाएगी।
-कृषण कुमार, एसएमओ।
-इस बारे में पता लगाया जाएगा। लोगों को गांव में ही स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए गांव के लोग सार्वजनिक जगह तय कर दें, वहां पर स्टॉफ को बैठाया जाएगा।
-डॉ. सरबजीत, सिविल सर्जन मांडीखेडा।
Gurugram News: देखरेख के अभाव में खंडहर बना स्वास्थ्य केंद्र, नसीब नहीं हुई बुखार की दवा