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सीवेज का गंदा पानी पेयजल की लाइन में मिलने की खबर पर एनजीटी ने लिया था स्वत: संज्ञान
संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सुशांत लोक -1 में पेयजल में सीवेज की गंदगी जाने के मामले में केंद्रीय, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय, जिला मजिस्ट्रेट और नगर निगम आदि से जवाब मांगा है। गुरुग्राम के सुशांत लोक- वन में सीवेज ओवरफ्लो होने के कारण पेयजल प्रदूषित होने की शिकायत प्रकाशित होने के बाद भी नगर निगम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर एनजीटी ने इस मामले में स्वत: संज्ञान दर्ज किया। पिछले हफ्ते हुए सुनवाई के दौरान इस संबंध में जिम्मेदार विभागों से जवाब मांगा गया है। सुशांत लोक में पिछले दो साल से सीवेज ओवरफ्लो होकर गंदा पानी पेयजल की लाइन में मिलकर घरों तक पहुंचने की शिकायत एनजीटी को अखबार के माध्यम से मिली थी। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति एके त्यागी, विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल की पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि रिपोर्ट के अनुसार, निवासियों को संदेह होने के बावजूद कि सीवेज पीने के पानी में मिल रहा है, गुरुग्राम के स्थानीय निकाय ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। पर्यावरण के मानदंडों के पालन की अवहेलना संबंधित यह महत्वपूर्ण मामला है। यह जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) उपकर अधिनियम और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के अनुपालन से संबंधित है। इसमें चंडीगढ़ में पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय, जिला मजिस्ट्रेट, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और गुरुग्राम नगर निगम सहित कई अधिकारियों को पक्ष या प्रतिवादी के रूप में शामिल किया गया है। इन अधिकारियों को इसके बारे में एनजीटी को जवाब देना है।
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Gurugram News: सुशांत लोक – वन में पेयजल प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने जवाब मांगा