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हाईवे पर नरसिंहपुर में जमीन नहीं मिलने से मेन ड्रेनेज का काम रुका, सेक्टरों और कालोनियों में नहीं है ड्रेनेज नेटवर्क
अमर उजाला ब्यूरो
गुरुग्राम। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बारिश के कारण 29 जुलाई 2016 में लगे करीब 18 घंटे के महाजाम के बाद भी मिलेनियम सिटी में पानी निकासी में खास सुधार नहीं हुए हैं। शहर में पानी निकासी के इंतजाम विभिन्न विभागों की फाइलों में फंस कर रह गए हैं। नतीजा हाईवे पर अभी भी बारिश में लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद लोग जल भराव का दंश झेलने को मजबूर हैं।
शहर में बारिश के पानी की निकासी के इंतजाम बेहतर नहीं है। सेक्टरों, डेवलपर एरिया और काॅलोनियों में ड्रेनेज नेटवर्क नहीं होने से पानी निकासी सीवर लाइनों के सहारे है। जहां पर ड्रेनेज लाइन है, उनकी समय पर सफाई नहीं होती है। ऐसे में बारिश के दिनों में सीवर लाइनें ओवर लोड हो जाती है, नतीजा लोगों को घंटों जल भराव की समस्या से जूझना पड़ता है। लोगों का कहना है कि सरकार आठ साल में भी बारिश के पानी निकासी के लिए इंतजाम नहीं करा सकी।
कई सरकारी विभागों के बीच पानी निकासी की योजनाएं दम तोड़ रही हैं। बारिश के दौरान सरकारी अमले को पानी निकासी की चिंता तो रहती, लेकिन बाद में अनदेखा कर देते हैं। हाईवे स्थित नरसिंहपुर के पास ड्रेनेज लाइन छोटी होने कारण बारिश का पानी जल्द नहीं निकलता। इसे बड़ा किया जाना है लेकिन जमीन एचएसआईआईडीसी की होने के कारण मामला लंबे समय से फंसा हुआ है। ऐसे में पंप लगाकर पानी को निकाला जा रहा है। दूसरा शहर में जीएमडीए, नगर निगम और एचएसवीपी समेत अन्य विभाग होने से कई योजनाएं इन विभागों की फाइलों में उलझ जाती है। सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेंद्र मिश्र ने कहा कि पानी भरने से गुरुग्राम की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब होती है। उनका कहना है राज्य की आर्थिक राजधानी के रूप में पहचान रखने वाले शहर की यह हालत है।
पुराने नाले अवैध कब्जों के शिकार
अरावली से सटे गुरुग्राम में प्राकृतिक नाले विकास की आंधी की भेंट चढ़ चुके हैं। पालम विहार निवासी ऋषिपाल धनखड़ ने बताया कि पहले गुरुग्राम को बाढ़ से बचाने के लिए बांध बनाया गया था,जिसमें अब सेक्टर 15 बना दिया गया है। उनका कहना है कि नाथूपुर से एक नाला निकलता था और जिससे उद्योग विहार से होकर नजफगढ़ ड्रेन में पानी जाता था। इसके अलावा शहर में छोटे-छोटे कई नाले होते थे। अब यह नाले बंद हैं या अतिक्रमण के शिकार हो चुके हैं। इसके अलावा और पानी बादशाहपुर ड्रेनेज से जाता है।
ड्रेनेज सिस्टम की कमी
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने सेक्टरों को विकसित करने के दौरान बारिश के पानी की निकासी के इंतजामों पर ध्यान नहीं दिया। अब सभी सेक्टर पूरी तरह से विकसित हो चुके हैं। ऐसे में जल निकासी नहीं होने से लोगों को जल भराव की समस्या हो रही है। अब इन सेक्टरों की जिम्मेदारी निगम के पास है। निगम ने मेन सड़कों के साथ ड्रेनेज लाइन बनवाईं हैं लेकिन सफाई नहीं होने से उनका लाभ नहीं मिल पाता है।
शहर में तीन प्रमुख नाले
जीएमडीए के तीन प्रमुख बरसाती नाले हैं जो शहर के बरसाती पानी को नजफगढ़ नाले तक ले जाते हैं। लेग 1 ड्रेन (सिकंदरपुर से पालम विहार वाया नजफगढ़), लेग 2 ड्रेन (सेक्टर 42 हुडा सिटी सेंटर से नजफगढ़) और लेग 3 ड्रेन (घाटा गांव से वाटिका चौक, हीरो होंडा चौक, सेक्टर 99 से नजफगढ़ ड्रेन) जिसे बादशाहपुर ड्रेन भी कहा जाता है। जीएमडीए ड्रेनेज नेटवर्क तार से फ्रेसिंग करा रहा है ताकि लोग ड्रेन में कूड़ा-कचरा नहीं डाल पाए। जीएमडीए सेक्टर सोहना रोड पर वाटिका चौक से एनएच 8 तक दक्षिणी पेरिफेरल रोड (एसपीआर) के साथ लगते हुए मास्टर ड्रेन यानि लेग 4 का निर्माण भी करा रहा है।
वर्जन-
शहर में पानी निकासी के इंतजाम किए गए हैं। जिनमें 12 जेसीबी, 62 सक्शन टेंकर, 61 ट्रैक्टर माउंटिड पंप, 25 डीजल इंजन शामिल हैं। निगम की टीमें पूरी तरह अलर्ट पर हैं ताकि नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। – डाॅ. नरहरि सिंह बांगड़ ,आयुक्त नगर निगम
शहर में ड्रेनेज नेटवर्क को बेहतर किया गया है और इस पर काम किया जाना है। इसके लिए एक एजेंसी को रखा जाएगा जो पूरे शहर का सर्वे कर रिपोर्ट देगी। पुरानी लाइनों को ठीक कराया जाएगा और जरूरत के अनुसार नई बनाई जाएंगी। इस कार्य को छह माह में पूरा कराने का लक्ष्य है।-विक्रम सिंह, कार्यकारी अभियंता जीएमडीए इंफ्रा-2
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Gurugram News: मिलेनियम सिटी में आठ साल में भी पानी निकासी के इंतजाम अधूरे, सरकारी सिस्टम में उलझी योजनाएं