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अंबाला. हरियाणा और पंजाब का बॉर्डर किसान आंदोलन का सैंटर प्वाइंट बना हुआ है. शंभू बॉर्डर पर किसान बीते 11 महीने से डटे हुए हैं और एक बार फिर से यहां पर हलचल है. इसी बॉर्डर को पार कर किसान दिल्ली कूच करना चाहते हैं, लेकिन दो बार उनकी कोशिश नाकाम हो चुकी है. अब दोबारा किसान दिल्ली मार्च के लिए कोशिश करेंगे.
8 दिंसबर के बाद से अंबाला के शंभू बॉर्डर पर शांति का माहौल है. यहां पर बैरिकैड्स लगाकर पुलिस डटी हुई है. वहीं किसान भी घग्गर पुल से पहले मोर्च पर डेटे हैं. हालांकि, किसान आंदोलन में दोबारा किसानों के एक्टिव होने और दिल्ली कूच के ऐलान के बाद से शंभू बॉर्डर से जाने वाले रास्ते बंद होने से पंजाब और जम्मू कश्मीर जाने वाले वाहन चालकों परेशानी हो रही है. यहां पर सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, जो कोरोना काल की याद भी दिला रहा है.
दिल्ली से अमृतसर जा रहे शख्स ने बताया कि परेशानी बहुत ज्यादा है और रास्ता डायवर्ट किया गया है और किसान और सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए. गुरुग्राम से चंडीगढ़ जा रहे पालीचंद नाम के शख्स ने बताया कि पब्लिक को बहुत परेशानी है. गांव के रास्ते से निकलेंगे. किसान आंदोलन में कुछ हकीकत है कुछ ऐसे ही लोग आ रहे हैं. वह कहते हैं सरकार को सोचना चाहिए, क्योंकि पब्लिक को बहुत परेशानी है.
पानीपत से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल जा रहे मरीज ने बताया कि हार्ट की परेशानी है और उन्हें इमरजैंसी में है. सरकार को किसानों से बातचीत होनी चाहिए औऱ पब्किल को होने वाली परेशानी को दूर करना चाहिए. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि 14 दिसंबर को दोबारा 101 किसानों के जत्था दिल्ली कूच करेगा. किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-अमृतसर नेशन हाईवे शंभू बॉर्डर के पास 11 फरवरी 2024 से बंद है. न्यूज18 ने बॉर्डर के पास हालात का जायजा लिया तो देखा कि यहां पर हाईवे पर इक्का-दुक्का वाहन ही गुजर रहे हैं.
अंबाला में व्यापार पर भी असर
शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के चलते अंबाला में व्यापार पर खासा असर देखने को मिला है. यहां पर सीधा रास्ता बंद होने के चलते लोग अंबाला जाने से बच रहे हैं और इस कारण अंबाला मार्केट में व्यापारियों को खासा नुकसान देखने को मिल रहा है.
Tags: Ground Report, Kisan Aandolan
FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 13:12 IST
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