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Ground Report: फरीदाबाद के फूल बाजारों में सन्नाटा, दीवाली पर मुरझाई खुशबू, आखिर क्यों खरीदने से कतरा रहे लोग? Haryana News & Updates

Ground Report: फरीदाबाद के फूल बाजारों में सन्नाटा, दीवाली पर मुरझाई खुशबू, आखिर क्यों खरीदने से कतरा रहे लोग? Haryana News & Updates

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Faridabad News: फरीदाबाद के फूल बाजारों में दिवाली की रौनक नहीं महंगाई ने खुशबू छीन ली. फूलों के दाम पिछले साल से दोगुने हो गए हैं. इसलिए ग्राहक फूल खरीद ही नहीं रहे हैं.

फरीदाबाद: आपने एक लाइन खूब सुनी होगी…जब फूल ही मुरझा जाएं तो खुशबू कौन फैलाए? कुछ ऐसा ही हाल इस बार फरीदाबाद के फूल बाजारों का है. दीवाली का त्योहार है. लक्ष्मी पूजन की तैयारियां जोरों पर है, लेकिन फूलों के बाजारों में इस बार रौनक गायब है. सुबह से दोपहर हो चुकी है. मगर कई दुकानदारों की एक भी माला नहीं बिकी. जहां हर साल इस मौके पर फूलों की खुशबू से बाजार महक उठते थे, वहीं इस बार सन्नाटा पसरा हुआ है.

लोकल18 से बातचीत में फरीदाबाद के माली दुकानदारों ने अपनी परेशानी बयां की. दुकानदार नरेश ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाले हैं. हर साल दीवाली पर खूब बिक्री होती थी, लेकिन इस बार ग्राहक ठहर ही नहीं रहे हैं. एक माला 25 रुपये की हैं. मगर, खरीदार बहुत कम हैं. हमने इस बार फूल खुद नहीं उगाए, बल्कि मार्केट से 130 रुपये किलो में खरीद कर लेकर आए है.

दूसरे दुकानदार सोमवीर जो उत्तर प्रदेश से आए हैं, उन्होंने कहा कि हर साल माला बेचने फरीदाबाद आते हैं. मगर इस बार फूल महंगे हैं. डेढ़ सौ से दो सौ रुपये किलो के रेट चल रहे हैं. जब फूल ही महंगे मिल रहे हैं, तो माला का दाम भी बढ़ाना पड़ता है. ग्राहक महंगाई की वजह से खरीद नहीं रहे हैं. रवि कुमार यादव ने बताया कि इस बार काम थोड़ा मंदा है. पहले जो फूल 100 रुपये किलो मिल जाता था अब 150 रुपये किलो हो गया है. उसी हिसाब से माला के दाम भी बढ़ गए हैं. एक माला 50 रुपये में बेच रहे हैं, जबकि अशोक के पत्तों की माला 20 रुपये में मिलती है.

वहीं मेरठ की रहने वाली और 12वीं क्लास की छात्रा रितु पहली बार फरीदाबाद में माला बेचने आई हैं. उन्होंने कहा सुबह से एक भी माला नहीं बिकी है. फूल और अशोक के पत्तों से बनी माला 50 रुपये की है, जबकि खाली गेंदे की माला 20 रुपये की है. ग्राहक आते हैं पूछते हैं और बिना खरीदे चले जाते हैं. दुकानदार देवेंद्र ने बताया कि वे 200 रुपये की लड़ी बेच रहे हैं, जिसमें पांच माला होती हैं. थोड़ी बहुत बिक्री हो रही है. मगर, पिछले साल जैसी बात नहीं है.

दुकानदार हर्ष ने बताया कि उन्होंने सुबह से करीब 30 किलो फूल बेचे हैं, लेकिन काम बहुत धीमा चल रहा है. दीवाली तक तो यही काम करते हैं. फिर बाद में दूसरा काम करते हैं. वहीं शनि का कहना है कि माला बिक रही है पर कम. फूल महंगे हैं. 200 रुपये किलो चल रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले रेट दोगुने हो गए हैं इसलिए ग्राहक कम खरीद रहे हैं. कुल मिलाकर इस दीवाली पर फूलों की महक में महंगाई की कड़वाहट घुल गई है. माली उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पूजन के आखिरी वक्त तक शायद बाजारों में फिर से रौनक लौट आए. दीवाली की शाम तो वही होती है जब हर घर फूलों की खुशबू से महक उठे.

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फरीदाबाद के फूल बाजारों में सन्नाटा, दीवाली पर मुरझाई खुशबू, आखिर क्या है वजह?

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