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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते कदम अब इंजीनियरिंग की दुनिया में नई हलचल पैदा कर रहे हैं. अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक Goldman Sachs ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे इंजीनियरिंग सेक्टर में काम कर रहे लोगों की चिंता बढ़ गई है. बैंक ने एक AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर देविन (Devin) को अपनी टीम में शामिल किया है, जो बिना रुके, बिना ब्रेक के और बिना किसी वेतन या प्रमोशन की मांग के लगातार काम करेगा.
कौन है ‘देविन’?
देविन एक ऑटोमेटेड AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जिसे लंदन के एक स्टार्टअप ने विकसित किया है. Goldman Sachs ने इसे अपने इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में एक वास्तविक कर्मचारी की तरह शामिल किया है. बैंक के चीफ इंफॉर्मेशन ऑफिसर मार्को अर्जेंटी ने CNBC को बताया कि देविन हमारी टीम के नए सदस्य की तरह काम करेगा. यह इंसानों जितना ही अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम है.
काम करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव
गोल्डमैन सैक्स में इस वक्त करीब 12,000 सॉफ्टवेयर डेवलपर्स काम कर रहे हैं. अब बैंक का प्लान है कि AI इंजीनियरों की संख्या को बढ़ाकर काम की गति और गुणवत्ता दोनों को बढ़ाया जाए. अर्जेंटी का कहना है कि देविन जैसे AI टूल्स पारंपरिक टूल्स की तुलना में तीन से चार गुना अधिक प्रोडक्टिव हो सकते हैं.
कौन-कौन से काम करेगा AI?
देविन जैसे AI इंजीनियर मुख्यतः पुराने कोड को अपडेट करने, बग्स फिक्स करने और रिपिटेटिव कामों को अंजाम देंगे – जो सामान्यतः इंजीनियरों को बोझिल और समय खपत वाले लगते हैं. इससे समय और संसाधनों की बचत होगी, साथ ही आउटपुट भी बेहतर होगा.
एंट्री-लेवल इंजीनियरों की बढ़ेगी चिंता
AI के इस बढ़ते चलन का सबसे बड़ा असर एंट्री-लेवल इंजीनियरों पर पड़ सकता है. ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले 3 से 5 वर्षों में बैंकिंग सेक्टर में AI को अपनाने से वैश्विक स्तर पर करीब 2 लाख नौकरियां खत्म हो सकती हैं. खासकर वे पोजिशनें जिनमें नियमित कोडिंग, रिसर्च और डेटा एनालिसिस जैसे काम शामिल हैं.
क्या यह तकनीकी तरक्की या रोजगार पर संकट?
एक ओर जहां AI से काम की रफ्तार और कुशलता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर युवाओं के लिए इंजीनियरिंग सेक्टर में अवसर कम हो सकते हैं. यह स्थिति हमें तकनीक के साथ संतुलन बिठाने की चुनौती देती है.
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Goldman Sachs ने AI इंजीनियर को नौकरी पर रखा, न खाएगा, न सोएगा, न प्रमोशन मांगेगा!