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सोने की कीमत में गुरुवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 1,150 रुपये गिरकर 88,200 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 1,150 रुपये गिरकर 87,800 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया, जबकि पिछली बार इसका भाव 88,950 रुपये प्रति 10 ग्राम था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, चांदी की कीमत 1,000 रुपये गिरकर 98,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले सत्र में यह कीमत 99,500 रुपये प्रति किलोग्राम थी। बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर सर्राफा बाजार बंद रहे।

एमसीएक्स पर क्या रहा भाव
खबर के मुताबिक, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में अप्रैल डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध का भाव 554 रुपये गिरकर 85,320 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। विदेशी बाजारों में, अप्रैल डिलीवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा 23. 10 डॉलर प्रति औंस या 0. 79 प्रतिशत गिरकर 2,907. 50 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। इसके अलावा, हाजिर सोना 2,900 डॉलर के स्तर से नीचे फिसल गया क्योंकि पीली धातु की कीमतें 2,892. 95 डॉलर प्रति औंस पर आ गईं। एशियाई बाजार में चांदी वायदा भी 0. 34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32. 47 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि एमसीएक्स में बिकवाली के चलते सोने की कीमतों में कमजोरी देखी गई, जहां सोने की कीमत 85,000 रुपये तक गिर गई। उनका कहना है कि अगर एमसीएक्स पर सोना 84,800 रुपये के स्तर को पार करता है तो और भी कमजोरी आ सकती है। एबंस होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा कि टैरिफ संबंधी चिंताओं के कारण डॉलर में तेजी आने से सोने की कीमतों में एक और रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सुधार हुआ, लेकिन सुरक्षित निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है, क्योंकि ट्रंप ने अपने हाल के भाषण में यूरोपीय संघ से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की है और कहा है कि मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ अब 4 मार्च की समयसीमा के बजाय 2 अप्रैल से प्रभावी होंगे।
अनिश्चित हो गए हैं बाजार
मेहता ने कहा कि मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ लागू होने की संभावना स्पष्ट नहीं होने के कारण बाजार अनिश्चित हो गए हैं, जिससे सोने की मांग जारी है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी का कहना है कि निवेशक साप्ताहिक बेरोजगारी दावों, जनवरी के टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर और प्रारंभिक Q4 जीडीपी जैसे प्रमुख अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कुछ सदस्यों के भाषण बुलियन कीमतों और अमेरिकी डॉलर के रुझानों को प्रभावित कर सकते हैं।
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