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वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के शेयर मार्केट में रिटेल इन्वेस्टर्स ने जमकर भागीदारी दिखाई है, जिसके चलते नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 84 लाख से ज़्यादा नए एक्टिव डीमैट खाते खुले। यह सालाना आधार पर 20.5% की बढ़ोतरी है, जिससे एनएसई पर कुल सक्रिय डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 4.92 करोड़ हो गई है।

ग्रो और एंजल वन का रहा दबदबा
इस उछाल में डिजिटल ब्रोकरेज कंपनियों ग्रो और एंजल वन का दबदबा रहा, जिनकी कुल शुद्ध वृद्धि में 57% से अधिक हिस्सेदारी है। ग्रो ने सबसे ज़्यादा, 34 लाख नए खाते जोड़कर एनएसई की वृद्धि में 40% का योगदान दिया। मार्च 2024 में 95 लाख के मुकाबले मार्च 2025 में इसका सक्रिय ग्राहक आधार 1.29 करोड़ हो गया और एनएसई में इसकी बाज़ार हिस्सेदारी 23.28% से बढ़कर 26.26% हो गई।
एंजल वन ने 14.6 लाख अकाउंट्स जोड़े
एंजल वन ने वित्त वर्ष 2024-25 में 14.6 लाख खाते जोड़े, जो एनएसई की कुल वृद्धि का 17.38% है, और इसकी बाज़ार हिस्सेदारी 15.38% है। वहीं, जीरोधा ने 5.8 लाख नए खाते जोड़े और एनएसई की वृद्धि में लगभग 7% का योगदान दिया, जिससे वित्त वर्ष के अंत तक इसकी बाज़ार हिस्सेदारी 16% रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने भी सालाना आधार पर 36.78% की मज़बूत वृद्धि दर्ज की और इसका ग्राहक आधार करीब 14.9 लाख रहा, जिसकी बाज़ार हिस्सेदारी 3% थी।
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FY25 में खुले 84 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट, इन दो ब्रोकरेज कंपनियों का रहा दबदबा – India TV Hindi