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देश भर के रियल एस्टेट डेवलपर्स ने केंद्र सरकार से एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) और अतिरिक्त FSI शुल्क को GST के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष संगठन क्रेडाई ने इस पहल पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो 50 लाख रुपये कीमत वाला 2BHK फ्लैट करीब 5 लाख रुपये तक महंगा हो जाएगा। वहीं, 1 करोड़ रुपये कीमत वाला लग्जरी फ्लैट 10 लाख रुपये तक महंगा हो जाएगी। दरअसल, सरकार ने एफएसआई चार्ज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया है। इससे चिंतित क्रेडाई (कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने वित्त मंत्री को लिखे एक पत्र में कहा कि यह कदम मकान बनाने की लागत को बढ़ा देगा, जिससे सस्ते मकानों के प्रोजेक्ट्स भी महंगे हो जाएंगे। इसका असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो मध्यम वर्गीय हैं और जिनके लिए घर खरीदना पहले से ही चुनौती है। क्रेडाई ने सरकार से एफएसआई और अतिरिक्त एफएसआई चार्ज पर 18% जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की मांग की है। संगठन का कहना है कि ऐसा होने पर मकानों की कीमतें 10% तक बढ़ सकती हैं, जिससे घर खरीदने की योजना बना रहे लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और मांग घटेगी।
FSI क्या है और इसका लागत पर प्रभाव
- FSI वह अनुपात है जो किसी प्लॉट के कुल क्षेत्रफल और उस पर निर्मित कुल फ्लोर एरिया को दर्शाता है।
- डेवलपर्स FSI खरीदते हैं ताकि वे अधिक फ्लोर स्पेस बना सकें।
- अगर FSI पर जीएसटी 18% लगाया जाता है, तो इसका सीधा असर निर्माण की लागत पर पड़ेगा। इससे फ्लैट की कीमत बढ़ जाएगी।
FSI लागत और जीएसटी की गणना
- मान लीजिए, डेवलपर ने 1,000 वर्ग मीटर का प्लॉट खरीदा।
- FSI की कीमत ₹5,000 प्रति वर्ग मीटर है।
- कुल FSI लागत = ₹5,000 × 1,000 = ₹50,00,000।
GST जोड़ने के बाद
- FSI पर 18% जीएसटी = ₹50,00,000 × 18% = ₹9,00,000।
- फ्लैट की नई लागत = ₹50,00,000 + ₹9,00,000 = ₹59,00,000।
क्रेडाई ने यह भी कहा कि अगर सरकार पुरानी तारीख से यह नियम लागू करती है, तो डेवलपर्स पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा। इससे कई प्रोजेक्ट्स बीच में ही रुक सकते हैं, और जो घर खरीदार पहले ही निवेश कर चुके हैं, उनकी बचत पर भी असर पड़ेगा।
सस्ते मकानों पर संकट
संगठन ने कहा कि निर्माण की लागत पहले से ही कच्चे माल की महंगाई से बढ़ रही है। अगर एफएसआई चार्ज पर जीएसटी लगाया गया, तो यह सस्ते मकानों के प्रोजेक्ट्स को और महंगा बना देगा। मध्यम वर्ग के करीब 70% लोग ऐसे मकानों की खरीद करते हैं, लेकिन बढ़ी हुई कीमतों के चलते उनकी पहुंच से ये मकान बाहर हो सकते हैं। क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि एफएसआई चार्ज किसी भी प्रोजेक्ट की लागत का अहम हिस्सा है। इस पर 18% जीएसटी लगाना मकानों की सप्लाई और मांग, दोनों पर बुरा असर डालेगा। मकानों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे घर खरीदना और मुश्किल हो जाएगा। सरकार को इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिए और एफएसआई चार्ज को जीएसटी के दायरे से बाहर रखना चाहिए।
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FSI पर 18% GST लगाने से होम बायर्स पर बढ़ेगा बोझ, 2BHK फ्लैट की इतनी बढ़ जाएगी कीमत: CREDAI – India TV Hindi