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फतेहाबाद। शहर की हरियाली पर दिनोंदिन कब्जा हो रहा है। इसको रोकने के जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी नींद सोए हुए हैं। जिसके कारण शहर की सुंदरता पर ग्रहण लगने के साथ पर्यावरण पर भी असर पड़ रहा है। हरित पट्टी में चाय के खोखे खुल चुके हैं और वाहन खड़े किए जा रहे हैं।
दरअसल, शहर में हरियाली बनाए रखने के लिए हरित पट्टी बनाई जाती है। इसकी संभाल का जिम्मा नगर परिषद के पास है। मगर फतेहाबाद नगर परिषद प्रशासन हरित पट्टी की हरियाली की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। हरित पट्टी में हरियाली के नाम पर कब्जे व पार्किंग बनी हुई है।
हरित पट्टी की दीवारों पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये का मार्बल लगाने के बावजूद सुंदरीकरण नहीं हो पाया है। मॉडल टाउन में पपीहा पार्क, बत्रा धर्मशाला, शिवालय मार्केट के सामने व हिसार-सिरसा रोड पर ग्रीन बेल्ट का क्षेत्र है, इसके सुंदरीकरण का जिम्मा नगर परिषद के पास है। मगर अंदर हरियाली और सुंदरता के लिए कुछ नहीं किया गया है।
झाड़ियों से अटी हरित पट्टी में डाला जा रहा कूड़ा
मॉडल टाउन के साथ-साथ हिसार-सिरसा रोड पर बनी हरित पट्टी के मौजूदा हालात ये है कि देखरेख के अभाव में ये कंटीली झाड़ियों से अटी हुई हैं। बत्रा धर्मशाला के बाहर बनी हरित पट्टी में बारिश आने पर काफी दिनों तक पानी भर जाता है। हरित पट्टी में बैठने तक की कोई व्यवस्था नहीं है। हरित पट्टी में हरियाली दिखनी चाहिए। लेकिन यहां पर हरियाली की जगह गंदगी के ढेर लगे हुए है। जिसके कारण आस-पास के दुकानदारों को काफी दिक्कत होती है।
किसी ने बनाई दुकान तो किसी ने बनाई पार्किंग
शहर में बनी ग्रीन बेल्ट में अब लोग कब्जा कर रहे है। पहले लोग ग्रीन बेल्ट के बाहर कब्जा करते थे, लेकिन अब तो ग्रीन बेल्ट के अंदर ही दुकानें खुल रही है। शिवालय मार्केट के सामने बनी ग्रीन बेल्ट में चाय की दुकानें बन चुकी है। वहीं वहां पर सब्जी बेचने वाले रेहड़ी संचालक अपने वाहनों को सड़क पर खड़ा करने के बजाय हरित पट्टी में खड़ा कर रहे है। लोग अपने वाहनों को खड़ा करने के लिए ग्रीन बेल्ट की दीवारों को तोड़ रहे है। जिस कारण वहां पर लगे नए पौधे नहीं लग पा रहे हैं।
नई योजना में संस्थाओं को दी जा सकती है गोद
नगर निकाय की तरफ से नई योजना बनाई गई है जिसमें पार्कों के साथ-साथ हरित पट्टी को भी संस्थाओं को गोद दिया जा सकता है। नगर निकाय चार रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से भुगतान करेगा। लेकिन अभी तक इस योजना पर काम नहीं किया गया है। संस्था को गोद दिया जाता है तो हरित पट्टी के अंदर सुंदरीकरण हो सकता है। हालांकि नगर परिषद ने शहर में करीब 20 पार्क अलग-अलग संस्थाओं को गोद दे रखे हैं।
हरित पट्टी में अगर कोई कूड़ा डाल रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जल्द से जल्द हरित पट्टी की सफाई करवाई जाएगी। जहां पर भी हरित पट्टी पर किसी ने कब्जा किया हुआ है तो उसे भी खाली करवाया जाएगा।
– राजेश भांभू, जेई, नगर परिषद फतेहाबाद
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