शहर के शिव चौक इलाके में बनी पशु डेयरी।
फतेहाबाद। प्रदेश में करीब सात साल पहले बनी शहर के गली-माेहल्ले से पशु डेयरियाें को शिफ्ट करने की योजना आज तक जिले में सिरे नहीं चढ़ पाई है। प्रदेश सरकार की ओर से नगर परिषद को पशु डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए उपयुक्त जगह तलाशने के निर्देश भी दिए गए, मगर शहरों के आसपास ऐसी कोई जगह अधिकारियों को नहीं मिली, जहां पर इनको शिफ्ट किया जा सके।
यहीं कारण है कि शहर में पशु डेयरियां अभी भी धड़ल्ले से चल रही हैं। फतेहाबाद शहर में ही 15 से अधिक पशु डेयरी चल रही हैं। इन डेयरियों के कारण न केवल आसपास के लोग बल्कि जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। डेयरी संचालक पालतु पशुओं का गोबर व अन्य गंदगी सीवर लाइन में ही बहा रहे हैं। इससे आए दिन सीवर ब्लॉक होने की समस्या बनी रहती है। इस बारे में कई बार शिकायतें भी दी गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है।
हैरानीजनक बात यह है कि पिछले पांच साल में जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। अधिकारी तो डेयरी शिफ्टिंग के प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में ही डाल चुके हैं।
डेयरी शिफ्टिंग का हुआ सर्वे, लेकिन नोटिस तक ही सीमित
प्रदेश सरकार के आदेश पर नगर परिषद ने शहर में बनी पशु डेयरियों का सर्वे करवाया। जिसमें सामने आया कि फतेहाबाद में 15 से अधिक पशु डेयरी बनी हुई हैं। इन डेयरी संचालकों को एक साल पहले नोटिस दिया गया था। उसके बाद क्या कार्रवाई हुई, किसी अधिकारी या कर्मचारी को कुछ पता नहीं है। मानसून सीजन में हर बार सीवरेज ओवरफ्लो होने की शिकायत आती है। ओवरफ्लो होने के दो मुख्य कारण सामने आ रहे हैं। एक कारण तो सीवरेज लाइन में पशुओं का गोबर आना जबकि दूसरा प्लास्टिक है। जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के अनुसार गोबर व प्लास्टिक आने के कारण सीवर लाइन ब्लाॅक हो जाता है। पिछले दिनों जनस्वास्थ्य विभाग ने सीवरेज लाइन की सफाई का टेंडर दिया है। सफाई के दौरान शहर में काफी जगहों से सीवर लाइन से गोबर निकाला गया है।
बनाया जाना चाहिए डेयरी जोन
शहरवासी रामकुमार, दिनेश चंद्र, नेकीराम, गोपालदास, महेंद्र सिंह, दलीप चंद्र कहते हैं कि शहर में पशुओं को रखना ठीक नहीं है। इससे समस्याएं ही उत्पन्न होती है। नगर परिषद प्रशासन को शहर से बाहर उपयुक्त जगह तलाश कर वहां सभी डेयरियों को शिफ्ट करके डेयरी जोन बना देना चाहिए। इससे एक ही स्थान पर सभी डेयरियां बन जाएंगी। इस जोन में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति करवा देनी चाहिए ताकि किसी का रोजगार भी बंद न हो और शहरवासियों को दूध की सप्लाई भी मिलती रहे।
शहर के मोहल्लों में जो डेयरियां बनी हुई है, उस कारण सीवरेज लाइन बंद हो जाती है। उस सीवरेज लाइन की सफाई के लिए कर्मचारियों को काफी दिक्कत होती है। सप्ताह में कई बार यह समस्या आती है। मानसून के दौरान सीवरेज बंद होने से बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।
-मोहन लाल नारंग, पार्षद, वार्ड 12, फतेहाबाद
गलियों में जो पशु डेयरी बनी हुई है, उन्हें वहां से हटाकर किसी बाहरी क्षेत्र में शिफ्ट किया जाना चाहिए। इससे सीवरेज ब्लॉक होने की समस्या से निजात मिल सकेगी। मानसून में जल निकासी की कोई दिक्कत भी नहींं आएगी।
– करण आहूजा, निवासी, इंद्रपुरा मोहल्ला फतेहाबाद
जिस भी गली-मोहल्ले में पशु डेयरी बनी हुई है, वहां पर मानसून की सीजन के दौरान काफी मच्छर पैदा होते हैं। वही मच्छर बीमारियों का घर बनते हैं। डेयरियों के आसपास रहने वाले लोगों का बुरा हाल बना रहता है। ऐसे में विशेष डेयरी जोन बना देना चाहिए।
-राधेश्याम, निवासी, शिव चौक फतेहाबाद
किसी भी डेयरी संचालक के पास गोबर के निस्तारण की योजना नहीं होती। वह गलियों में ही गोबर डाल देते हैं। बारिश आने पर या किसी प्रकार का पानी उपयोग होने पर वह गली में कीचड़ बन जाता है, जिस कारण पैदल चलने वाले लोगों को काफी दिक्कत होती है।
-कार्तिक शर्मा, निवासी, अशोक नगर, फतेहाबाद