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फतेहाबाद। महिलाओं को स्वयं रोजगार देने और उनके द्वारा बनाए जाने वाले उत्पाद को बेचने के लिए थाना रोड स्थित मल्टीपर्पज पार्किंग में सांझा बाजार बनाया गया लेकिन तैयार हुई दुकानें 6 माह बाद भी सज नहीं पाई। हालात ये है कि सांझा बाजार के लिए आजीविका मिशन के तहत अभी तक आवेदन ही नहीं लिए गए हैं।
यहां तक पोर्टल ही तैयार नहीं हुआ। पोर्टल पर ही महिलाएं सांझा बाजार में दुकानें लेने के लिए आवेदन कर सकती है। रोटेशन के हिसाब से ही महिलाओं को दुकान मिलनी हैं। हालांकि पोर्टल को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि करनाल में लॉन्च हुए पोर्टल के साथ ही जिले को लिंक किया जाएगा और महिला स्वयं सहायता समूह का रिकॉर्ड दर्ज होगा।
सांझा बाजार की प्रदेश स्तर पर शुरुआत फरवरी माह में करनाल में हुई थी। इसी दौरान ही प्रत्येक जिले में शुरू करने की घोषणा हुई थी। लेकिन सांझा बाजार के लिए 6 दुकानें बनने के बाद भी महिलाओं को रोजगार चलाने के लिए अलॉट नहीं की जा सकी है। संवाद
जिले में है 3900 स्वयं सहायता समूह
आजीविका मिशन के तहत जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 3900 महिला स्वयं सहायता समूह है। सांझा बाजार धरातल पर शुरू होता है तो समूह को पोर्टल पर आवेदन करना होगा। जिसमें जानकारी देनी होगी कि समूह की महिला अपने उत्पाद को बेचना चाहती है और इसके लिए जगह चाहिए। महिला को रोटेशन के मुताबिक दुकान मिलेगी। महिला 7 दिन तक या फिर नया आवेदन आने तक दुकान ले सकेगी। इसके लिए महिला को प्रतिदिन 100 रुपये के हिसाब से किराया देना होगा। इसमें ग्रामीण और शहरी दोनों ही महिला स्वयं सहायता समूह आवेदन कर पाएंगी।
विवाद के बीच बनी थी दुकानें
थाना रोड स्थित मल्टीपर्पज पार्किंग में नगर परिषद की तरफ से 8 दुकानें बनवाई गई। पार्किंग में दुकानें बनाने को लेकर विवाद भी हुआ था। पूर्व संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा ने एतराज जताया था। गिल्लाखेड़ा का कहना था कि पार्किंग लोगों के वाहन खड़े करने के लिए है न कि दुकानें बनाने के लिए बनाई गई है।
ये बोली महिलाएं
सांझा बाजार योजना अच्छी है और धरातल पर जल्द शुरू होनी चाहिए। मैं आचार बनाती हूं लेकिन बेचने के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं मिल रहा है। अगर ये बाजार शुरू होता है तो फायदा मिलेगा। फरवरी माह से सुन रहे हैं कि बाजार शुरू होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
– सुनीता जांगड़ा, सदस्य महिला स्वयं सहायता समूह
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हैंडलूम का सामान बना लेती हूं और उसमें अच्छे डिजाइन करना भी जानती हूं। मेरे साथ कई महिलाएं जुड़ी है लेकिन उत्पाद बेचने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। सांझा बाजार को लेकर कई बार जानकारी ली लेकिन यह अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
– ज्योति रानी, सदस्य, महिला स्वयं सहायता समूह
सांझा बाजार शुरू करने की तैयारी थी लेकिन इस दौरान ही आचार संहिता लग गई। इस कारण से बाजार शुरू नहीं हो पाया है। जहां तक आवेदन की बात है, करनाल में पोर्टल शुरू हुआ था, इसी से लिंक किया जाएगा। पोर्टल के लिए समूह आवेदन कर पाएंगे और उन्हें उत्पाद बेचने के लिए दुकानें मिल पाएंगी।
– सतबीर सिंह, कार्यकारी जिला प्रोजेक्ट मैनेजर, आजीविका मिशन।
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