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फतेहाबाद। नागरिक अस्पताल के ब्लड बैंक में पिछले छह साल से राशि को लेकर चल रहे गड़बड़झाला को लेकर मंगलवार को कमेटी ने पांच इंचार्ज के लिखित में बयान दर्ज किए। बयान देने के लिए डॉ. अस्मिता, डॉ. प्रीति, डॉ. नेहा, डॉ. लवलीन और डॉ. रासिद पहुंचे। कमेटी ने ब्लड बैंक इंचार्ज रह चुके चिकित्सकों से छह सवालों के जवाब मांगे।
कमेटी ने पिछले सप्ताह वर्ष 2019 से लेकर अब तक रह चुके इंचार्ज को पत्र भेजकर बयान दर्ज करवाने के लिए तलब किया था। हालांकि सिरसा एसएमओ डॉ. सुभाष, फतेहाबाद के मेडिकल ऑफिसर डॉ. गौरव सैनी और वीआरएस ले चुके डॉ. हनुमान के बयान दर्ज नहीं हुए है। इन दोनों चिकित्सकों और दो अकाउंट ऑफिसर इंद्र और भीम सिंह के अगले सप्ताह मंगलवार को बयान दर्ज होंगे।
डॉ.अस्मिता, डॉ. प्रीति और डॉ. नेहा, डॉ. लवलीन और डॉ. रासिद ने लिखित में छह सवालों के जवाब दिए। कमेटी ने पूछा कि वह कब से कब तक ब्लड बैंक के इंचार्ज रहे, इंचार्ज रहने के दौरान निजी अस्पताल से आने वाले मरीज से ली जानी वाली राशि को लेकर किस कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई थी, कार्यभार के दौरान अकाउंट बुक कितनी बार संभाली गई, जब इंचार्ज रहे तब कौन-कौन स्टाफ तैनात रहा। इंचार्ज के बयान में सामने आया है कि इन्हें डीडी पावर नहीं दी गई सिर्फ कामकाज संभाल रहे थे। अब कमेटी मामले में जिनके पास डीडी पावर रही थी, उनके बयान दर्ज करेगी।
12 रसीदों की नकल कॉपी गायब
ब्लड बैंक में हुई गड़बड़ी के मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. महेंद्र भादू ने कमेटी का गठन कर रखा है। जिसमें मेजर डॉ. शरद तुली, डॉ. गुंजन बंसल, अकाउंटर ऑफिसर शामिल हैं। 11 सितंबर को कमेटी ने रिकॉर्ड जांचा था। इस दौरान कमेटी को 12 रसीदों की नकल कॉपी गायब मिली थी। इसको लेकर कमेटी ने स्पष्टीकरण भी मांग रखा है।
ब्लड का चार्ज लेकर बैंक में जमा नहीं हुई राशि
ब्लड बैंक में नागरिक अस्पताल से आने वाले मरीज को निशुल्क ब्लड यूनिट दी जाती है। इसके अलावा निजी अस्पताल से आने वाले मरीज से वर्ष 2022 तक 1050 रुपये प्रति यूनिट और इसके बाद 1100 रुपये प्रति यूनिट राशि ली जा रही है। ब्लड बैंक में रोजाना दो से तीन मरीज निजी अस्पताल से आते हैं। अस्पताल प्रशासन ने जब पिछले दिनों ब्लड बैंक का खाता संभाला तो उसमें संबंधित राशि नहीं मिली। मामले को लेकर तत्कालीन एसएमओ ने सिविल सर्जन को शिकायत दी थी।
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