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भूना में रामलीला ग्राउंड की जमीन पर की गई तालाबंदी के खिलाफ प्रतिनिधिमंडल एडीसी से मिलने के बाद
भूना। रामलीला ग्राउंड की विवादित चार कनाल 16 मरले जमीन पर प्रशासनिक स्तर पर की गई सीलबंदी के खिलाफ सर्व समाज के लोग वीरवार को एडीसी राहुल मोदी से मिले। लोगों ने रामलीला ग्राउंड पर लगाए गए ताले खोलने की मांग रखी।

वहीं रामा कृष्णा कला मंच भूना के आह्वान पर 8 सितंबर रविवार को बाबा राणाधीर मंदिर परिसर में महापंचायत बुलाई है। जिसमें प्रशासनिक स्तर पर की गई तालाबंदी के खिलाफ फैसला लिया जाएगा। महापंचायत में सर्व समाज भूना के अतिरिक्त विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, राष्ट्रीय हिंदू संगठन से जुड़े हुए वरिष्ठ लोग भी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
शहर की वरिष्ठ नागरिक एवं व्यापार मंडल के प्रधान अजय मेहता, विप्र फाउंडेशन के प्रदेश महासचिव तरसेम शर्मा, भाजपा नेता अरुण सेठी व विक्रम शर्मा, मंच के प्रधान हरविंदर उर्फ टीटू, सुनील खुराना, संजय मेहता, अमित ऐलावादी, पार्षद प्रतिनिधि संजीव छोकरा, बिट्टू मुंजाल व देवीलाल जांगड़ा समेत अन्य लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल वीरवार को उपायुक्त मनदीप कौर के पास पहुंचा। लेकिन उपायुक्त कार्यालय में नहीं मिलने के कारण एडीसी राहुल मोदी को शिकायत पत्र सौंपा गया।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि रामलीला ग्राउंड की विवादित जमीन पर प्रशासनिक स्तर पर जो तालाबंदी कार्रवाई की गई है वह एक पक्षीय लोगों के आधारहीन तथ्यों पर की गई है। उन्होंने बताया कि रामलीला ग्राउंड की चार कनाल 16 मरले जमीन पर 72 वर्षों पूर्व रामलीला आरंभ की थी। उस समय आसपास कोई भी मकान नहीं होते थे, परंतु अब कुछ लोगों ने उक्त जमीन पर एक विशेष समुदाय की चौपाल होने का दावा कर दिया। जिसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर तालाबंदी नहीं खोली गई तो रामलीला नहीं होगी और न ही दशहरे का पर्व हिंदू समाज के लोग मना पाएंगे। एडीसी राहुल मोदी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस पूरे मामले पर उपायुक्त से बात करेंगे।
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