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Fatehabad News: पूर्व सैनिक बोले- कायराना हमलों के खिलाफ सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए Haryana Circle News

Fatehabad News: पूर्व सैनिक बोले- कायराना हमलों के खिलाफ सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए  Haryana Circle News
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फतेहाबाद। कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले को लेकर जिले भर के लोगों में रोष है। पूर्व सैनिकों का कहना है कि सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने पहले धर्म पूछा और फिर गोली मार दी। आतंकवादियों ने भारतीय पर्यटकों पर कायराना हरकत की है। इससे हमारे देश की सामाजिक एकता और नागरिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। सरकार को इस पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। पूर्व सैनिक दरिया सिंह का कहना है कि दो वर्ष तक श्रीनगर में ड्यूटी के दौरान धार्मिक भेदभाव नहीं देखा। मेरे सामने एक बार आतंकवादियों के मुठभेड़ हुई थी।

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मैं दो वर्षों तक श्रीनगर में भारतीय सेना में रहा हूं। मंगलवार को पहलगाम में मारे गए 28 पर्यटकों की सूचना दुखदायी है। जम्मू-कश्मीर राज्य के आसपास के क्षेत्र में ज्यादातर जंगली और पहाड़ी क्षेत्र है इससे आतंकवादियों पर निगरानी नहीं रखी जा सकती। इसी का फायदा उठाकर उग्रवादी पर्यटकों व आम लोगों की भीड़ में शामिल हो जाते हैं। आतंकवादियों का मकसद दहशत फैलाना और आपसी प्रेम को खत्म करना है। मैंने दो वर्ष तक श्रीनगर में ड्यूटी के दौरान धार्मिक भेदभाव नहीं देखा। मेरे सामने एक बार आतंकवादियों के मुठभेड़ हुई थी।

दरिया सिंह, पूर्व भारतीय सैनिक गांव, ढाणी ठोबा।

आतंकवादियों की कोई अलग से पहचान नहीं होती है। इससे उनको समय रहते काबू करना संभव नहीं है। ऐसे हमलों में सरकार की कोई चूक नहीं है। जम्मू-कश्मीर में ज्यादा हमले हाेने का कारण वहां पर पहाड़ी और घने जंगलों का होना है। मैं जम्मू-कश्मीर से ग्लेशियर तक 13 वर्षों तक भारतीय सेना में रहा हूं। इस दौरान मैंने पहलगाम में भी ड्यूटी की है। पहले पर्यटक वहां कम जाते थे लेकिन अब इन वर्षों में ज्यादा जा रहे हैं।

दिनेश माचरा, कमांडों, निवासी गांव भट्टू कलां।

मैंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से मात्र 35 किलोमीटर दूर घूमरी में ड्यूटी की है। पहलगाम के पास भारतीय सेना की ओर से सुरक्षा को लेकर कोई कमी नहीं है। जंगली क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा में कोई चूक हो सकती है। लेकिन वहां धार्मिक नफरत नहीं है, लेकिन उग्रवादियों का काम मात्र दहशत फैलाना है। ऐसे में वह धर्म की आड़ लें रहे हैं।

सुरेंद्र, पूर्व भारतीय सैनिक।

पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ हमला पुलवामा हमले से भी से खतरनाक है, यह आतंकवादियों की कायराना हरकत है और ऐसा हमला 25 वर्षों के बाद हुआ है। ऐसे में पर्यटकों पर भय का माहौल बन गया है। इससे इस बार गर्मियों में कम पर्यटक पहुंचने की उम्मीद है।

देवेंद्र सिंह, दहिया, जिला अध्यक्ष शहीद सम्मान संघर्ष समिति फतेहाबाद।

मैं जम्मू-कश्मीर और लेह लद्दाख में 9 वर्ष तक भारतीय सेना में ड्यूटी पर कार्यरत रहा हूं। मैं उग्रवादियों को पकड़ने के लिए चलाए गए स्पेशल ऑपरेशन में भी शामिल रहा हूं। आतंकवादियों का मकसद दो देशों और धर्माें के बीच दहशत फैलाना है। ऐसे में इस हमले में सरकार की कोई कमी नहीं रही है।

रविंद्र ढ़ाका, पूर्व भारतीय सैनिक।

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