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गांव भिरड़ाना के खेल स्टेडियम में क्रिकेट खेलते बच्चे।
फतेहाबाद। जिला मुख्यालय से करीब 13 किलोमीटर दूर स्थित रतिया विधानसभा के सबसे बड़े गांव भिरड़ाना के खेल स्टेडियम की दशा सुधारने के लिए गांव के युवाओं ने मोर्चा संभाला है। वर्षों से बदहाली के आंसू बहा रहे स्टेडियम को सुधारने के लिए पहले खेल विभाग से बार-बार आग्रह किया गया। जनप्रतिनिधियों तक भी आवाज पहुंचाई गई। मगर कहीं से कोई सहयोग नहीं मिल पाया।
आखिरकार गांव के युवा गुरप्रीत राय, अजय चंदेल, सुमित, बलराज, रविंद्र, सागर, ऋशु, साहिल, अरमान, राजू, रामधन अपने खर्च पर स्टेडियम का कायापलट करने में जुट गए। भिरड़ाना-भूथनकलां मार्ग पर वर्ष 2011 में करीब पांच एकड़ में बने इस खेल स्टेडियम में न कभी कोच की नियुक्ति हुई और न ही प्रशासन ने इसकी सुध ली। करीब तीन-चार साल से तो स्टेडियम में घास और झाड़ियां उगी हुई थी। इन युवाओं ने तीन-चार बार ट्रैक्टर से जुताई करके खेल मैदान से घास और झाड़ियों को हटाया। इसके बाद यहां पर गांव के अन्य युवाओं ने खेल के लिए आना शुरू कर दिया। सेना में भर्ती हुए जवानों ने भी युवाओं की मदद की। युवाओं ने मिलकर मिट्टी डलवाई, फिर ट्रैक बनाया। उसके बाद स्टेडियम प्रांगण में पौधे लगाए। अब 80 से अधिक बच्चे और युवा यहां रोजाना खेल का अभ्यास करने के लिए आ रहे हैं।
युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए देते हैं प्रशिक्षण
युवा गुरप्रीत राय गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए शारीरिक रूप से फिट होने के लिए प्रशिक्षण देते हैं। इसके अलावा छोटे बच्चों को भी नियमित रूप से अभ्यास करवा कर उन्हें भी देश के प्रति समर्पित रहने की शिक्षा देते हैं। गुरप्रीत और उनके साथी अब तक खेल स्टेडियम को संवारने के लिए एक लाख रुपये से अधिक राशि खर्च कर चुके हैं। युवाओं ने बताया कि स्टेडियम में लड़कियां भी खेलने आती हैं। मगर यहां शौचालय नहीं होने से लघु शंका के लिए लड़कियों को दिक्कत होती हैं। न ही यहां पर पेयजल की व्यवस्था है।
:: प्रदेश सरकार द्वारा नशामुक्त अभियान को लेकर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। अगर युवाओं के खेलने के लिए स्टेडियम में बेहतर व्यवस्था कर दी जाए तो युवाओं का रुझान खेलों की ओर होगा और युवा नशा नहीं करेंगे।

सुमित, निवासी, गांव भिरड़ाना
:: हमारी टीम तीन साल से इस स्टेडियम में आ रही है। इस दौरान हमने अपने स्तर पर कई बार स्टेडियम की सफाई करवाई है। क्षेत्र के विधायक या अन्य जनप्रतिनिधि तो हमें कभी संभालने ही नहीं आए।
गुरप्रीत राय, कोच, गांव भिरड़ाना
:: खेल विभाग के अधिकारियों से कई बार स्टेडियम में सुधार की मांग की गई। जब उन्होंने कोई संज्ञान नहीं लिया तो गांव के ही युवाओं ने प्रयास करके स्टेडियम की दशा सुधारी है। इसके बाद अब नियमित रूप से युवा व बच्चे यहां खेलने व अभ्यास करने आते हैं।
हैप्पी सिंह, निवासी, गांव भिरड़ाना
:: खेल स्टेडियम में अगर सभी सुविधाएं होंगी तो युवाओं का खेलों की तरफ रुझान बढ़ेगा। युवाओं को नशे के दलदल में फंसने से रोकने में खेल ही सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। प्रदेश सरकार को गांवों के खेल स्टेडियम के हालात सुधारने होंगे।
रविंद्र सिंह, निवासी, गांव भिरड़ाना
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