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फतेहाबाद। किसानों ने पराली को आय व रोजगार सृजन का माध्यम बना लिया है। गांव कमाना निवासी किसान हरप्रीत सिंह व गांव ब्राह्मवानला के किसान सतबीर सिंह हर वर्ष तीन लाख क्विंटल पराली का प्रबंधन कर 50 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
इससे पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। साथ ही वायु प्रदूषण कम हुआ और मिट्टी की उर्वरता में सुधार हुआ। वे तैयार की गई पराली की बेलें को विभिन्न उद्योगों को आपूर्ति कर रहे हैं, जिससे पराली अब किसानों के लिए कमाई का जरिया बन चुकी है।
कमाना निवासी किसान हरप्रीत सिंह का मानना है कि अगर लगन से काम किया जाए तो पराली रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम है। गांव ब्राह्मनवाला के किसान सतबीर सिंह ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2019 में दो बेलर खरीदे। सफलता से प्रेरित होकर उन्होंने इस वर्ष 2 बड़े बेलर विदेश से आयात करवाए जिनकी प्रति दिन 100 एकड़ पराली प्रबंधन की क्षमता है।
किसानों ने बताया कि अब कुल 3 बेलर मशीनों से पराली का प्रबंधन कर रहे हैं। अब वे 15 हजार एकड़ की पराली का उठान करेंगे।
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