फतेहाबाद। शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को निरीक्षण करने के निर्देश दिए है। इसके अलावा अभिभावकों के लिए फोन नंबर और ई-मेल आईडी जारी की है जिस पर स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिकायत की जा सकती है। शिकायत के बाद बीईओ को कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं। लेकिन हकीकत ये है कि जो नंबर जारी किया गया है वह काम ही नहीं कर रहा है।
बुधवार को इस नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन मिला ही नहीं। वहीं डीईओ के निर्देश के बाद भी खंड शिक्षा अधिकारी निरीक्षण करने नहीं जा रहे हैं। बीईओ ने खुद की जिम्मेदारी न समझते हुए क्लस्टर मुखियाओं को निरीक्षण की जिम्मेदारी दे दी है। हालात ये है कि फतेहाबाद खंड में विभाग की तरफ से स्कूलों का निरीक्षण तक नहीं किया गया है।
ये नंबर किया था जारी
शिक्षा विभाग मुख्यालय की तरफ से निर्देश दिए गए है कि कोई भी स्कूल विद्यार्थी को किताबें, वर्दी, जूते आदि संबंधित दुकान से खरीदने के लिए दबाव नहीं डाल सकता है। इसके अलावा न ही पांच साल तक वर्दी बदली जा सकती है। अगर कोई ऐसा करता है तो 01725049810 पर शिकायत कर सकते हैं।
एनसीईआरटी के साथ लगाई जा रही निजी प्रकाशकों की किताबें
निजी स्कूल संचालकों द्वारा एनसीईआरटी के किताबें तो लगाई जा रही हैं लेकिन इसके साथ ही निजी प्रकाशकों की किताबें भी लगाई जा रही हैं। इससे अभिभावकों पर अधिक बोझ बढ़ रहा है। इसके अलावा नर्सरी से पांचवीं तक पूरी किताबें ही निजी प्रकाशकों की लगने के कारण अभिभावाकों को 5 से 7 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
ये है जिले में स्कूलों की स्थिति
राजकीय स्कूल – 620
निजी स्कूल – 251
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डीईओ ने शून्य संख्या वाले स्कूलों का किया निरीक्षण
जिला शिक्षा अधिकारी संगीता बिश्नोई ने बुधवार को एमआइएस पोर्टल पर शून्य संख्या दिखाने वाले स्कूलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सामने आया है कि विद्यार्थी तो हैं लेकिन ऑनलाइन पंजीकरण नहीं किया गया है। डीईओ ने स्कूल मुखियाओं को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज की जाए।
निजी स्कूलों और कम नामांकन वाले राजकीय स्कूलों में जाकर जांच करने को लेकर बीईओ को निर्देश दिए गए है। इस संबंध में दो दिन में रिपोर्ट देने के लिए भी कहा गया है। मुख्यालय की तरफ से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। अगर ये काम नहीं कर रहा है तो उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा।
– संगीता बिश्रोई, जिला शिक्षा अधिकारी