Fatehabad News: जिले में 35 साल पहले निरक्षरों को पढ़ाने को लेकर 92 अनुदेशकों ने किया दावा, मुख्यालय में भेजी गई पहले चरण में 77 फाइलें Haryana Circle News
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पवन सागर, कमेटी सदस्य एवं जिला समंवयक, उल्लास कार्यक्रम
फतेहाबाद। निरक्षरों और स्कूल न जाने वाले बच्चों को 35 साल पढ़ाने को लेकर 92 अनुदेशकों ने दावा किया है। शिक्षा विभाग ने पहले चरण में 77 फाइलें शिक्षा विभाग निदेशालय को भेज दी है। इसके बाद 15 और फाइलें कमेटी के पास आई है।
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विभाग ने 21 नवंबर तक आवेदन मांगे थे। इस दौरान जो आवेदन आए उनके दस्तावेजों को जांचने के बाद रिपोर्ट बनाकर मुख्यायल में भेज दी। अब 15 अनुदेशक और दावा कर चुके हैं। ऐसे में मुख्यालय से निर्देश के बाद दूसरे चरण की फाइलें भेजी जाएंगी। ग्रामीण कार्यात्मक साक्षरता परियोजना और राज्य प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के तहत 35 साल पहले पढ़ाने वाले अनुदेशकों को आर्थिक लाभ देने के लिए जिला शिक्षा विभाग ने मुख्यालय के निर्देश पर दस्तावेज मांगे थे।
दस्तावेज लेने के लिए विभाग ने कमेटी गठित कर रखी है। जिसमें उल्लास कार्यक्रम के जिला समन्वयक पवन सागर, सहायक रतन सिंह व लिपिक मोहन सिंह शामिल हैं। अनुदेशकों ने जेबीटी के बराबर पे स्केल देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसी के तहत शिक्षा विभाग को एरियर देने के निर्देश दिए गए हैं। जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो इन्हें करीब 23 हजार रुपये तक एरियर के रूप में मिल सकता है।
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-कमेटी ने साक्ष्य के तौर पर ये लिए प्रूफ
शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी इस कार्यक्रम के तहत पढ़ाने वाले अनुदेशकों से ज्वाइनिंग पत्र, रिलिविंग पत्र, सामान जमा करवाने की रसीद या फिर बैंक स्टेटमेंट प्रूफ के तौर पर ले रही है।
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निरक्षरों को पढ़ाने के लिए वर्ष 1981 में प्रौढ़ शिक्षा के तहत लगाए अनुदेशक लगाए गए थे। विभाग ने वर्ष 1990 में दिया था। अनुदेशकों द्वारा मामले को लेकर कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इसके बाद अब इन्हें एरियर दिया जाना है। ये प्रक्रिया निदेशालय स्तर पर होनी है। पहले चरण में 77 फाइलें निदेशालय को भेजी जा चुकी हैं। अब 15 फाइलें और आई हैं। निदेशालय से निर्देश आने के बाद इन्हें भेज दिया जाएगा।
– पवन सागर, जिला समन्वयक, उल्लास कार्यक्रम एवं कमेटी सदस्य।
पवन सागर, कमेटी सदस्य एवं जिला समंवयक, उल्लास कार्यक्रम