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फतेहाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उल्लास कार्यक्रम को लेकर बैठक करते हुए अधिकारी
फतेहाबाद। निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने पिछले साल उल्लास कार्यक्रम शुरू किया था। कार्यक्रम के दूसरे चरण में एक बार फिर से निरक्षरों को ढूंढकर उनका सर्वे शुरू किया जा रहा है। इस बार जिले को 29 हजार 601 निरक्षरों को ढूंढ कर साक्षर बनाने का लक्ष्य दिया गया है।
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इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने खंड स्तर पर अधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। निरक्षरों को ढूंढने में शिक्षकों के अलावा आंगनबाड़ी वर्कर, सरपंच, एसएमसी सदस्यों को भी मदद करनी होगी। पिछले साल सितंबर माह में सर्वे के दौरान नौ हजार निरक्षर मिले थे और इनकी सितंबर माह में परीक्षा ली गई थी। अहम बात यह है कि परीक्षा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल की ओर से ली जाएगी और प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। वहीं अगर कोई 15 साल से ज्यादा उम्र का है और पढ़ा-लिखा नहीं है तो उसे पढ़ाया जाएगा। परिवार में जो भी कक्षा पांचवीं से ज्यादा पढ़ा-लिखा होगा वह पढ़ा सकेगा।
अंगूठे की जगह कर सकेंगे हस्ताक्षर
निरक्षरों को सामान्य पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है। इसमें पहली कक्षा का सिलेबस है। इन्हें हिंदी का अक्षर ज्ञान, गणित में संख्याओं की पहचान, जोड़, घटाना, गुणा, भाग करना आदि सिखाया जाएगा। इसका फायदा ये है कि निरक्षर दिनचर्या में हिसार-किताब करना सीखेंगे और अंगूठा लगाने की जगह हस्ताक्षर करना भी सीख सकेंगे।
जिले में पहले चरण में ये मिले थे निरक्षर
खंड निरक्षर
भट्टूकलां 1554
भूना 1751
फतेहाबाद 1443
जाखल 896
रतिया 1591
टोहाना 1826
————————-निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए सर्वे करवाया जाएगा। जिले को 29 हजार 601 निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य मिला है। अगर कोई 15 साल से ज्यादा उम्र का है और पढ़ा-लिखा नहीं है तो उसे पढ़ाया जाएगा। परिवार में जो भी कक्षा पांचवीं से ज्यादा पढ़ा-लिखा होगा वह पढ़ा सकेगा। – पवन सागर, जिला समंवयक, उल्लास कार्यक्रम