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गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना के मॉडल को देखकर जानकारी लेते तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ.मनम
फतेहाबाद। फतेहाबाद जिले की स्थापना के बाद से अब तक के सबसे बड़े प्रोजेक्ट की सौगात साल 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के हाथों मिली थी। 13 जनवरी 2014 को गांव गोरखपुर में डॉ.मनमोहन सिंह ने न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से स्थापित किए जाने वाले गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना संयंत्र का शिलान्यास किया था।
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इस संयंत्र में 700-700 मेगावाट की चार इकाइयां तैयार हो रही हैं। 2800 मेगावाट का यह संयंत्र पूरे देश के सबसे बड़े संयंत्रों में शामिल है। उस समारोह में डॉ.मनमोहन सिंह के साथ राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया, केंद्रीय मंत्री वी नारायणस्वामी, कुमारी सैलजा, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद अशोक तंवर, तत्कालीन विधायक प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा भी शामिल हुए थे।
2030 तक शुरू होगा बिजली उत्पादन
गांव गोरखपुर में करीब 1400 एकड़ में स्थापित संयंत्र में बिजली बनाने वाली इकाइयों की स्थापना का काम लगातार जारी है। माना जा रहा है कि साल 2030 तक इस संयंत्र में बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। यहां से देशभर में बिजली सप्लाई होगी। इसके पहले चरण में साल 2018 में 1400 मेगावाट की दो इकाइयों का काम शुरू हुआ। शेष दोनों इकाइयों का काम साल 2020 में शुरू किया गया।
बड़ी सोच के धनी थे डॉ.मनमोहन सिंह : गिल्लाखेड़ा
फतेहाबाद से तत्कालीन विधायक और पूर्व सीपीएस प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा कहते हैं कि डॉ.मनमोहन सिंह बड़ी व दूरगामी सोच के धनी थे। इसलिए उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में ऐसी योजनाएं चलाईं, जिससे गरीब परिवारों का खूब भला हुआ। साल 1991 में अमेरिका जैसे देश फेल हो गए थे, लेकिन भारत को उन्होंने चिंतित नहीं होने दिया। हमारा सौभाग्य है कि उनका गांव गोरखपुर की धरती पर स्वागत करने का मौका मिला। 2800 मेगावाट जैसा देश के बड़े प्रोजेक्टों में से एक प्रोजेक्ट उन्होंने फतेहाबाद हलके को देकर अपनी दूरदर्शिता साबित की।