[ad_1]
फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास सोए कुत्ते
फतेहाबाद। शहर से लेकर गांवों तक में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। नागरिक अस्पताल में रोजाना 20 से 25 लोग कुत्ते काटे से बचाव के लिए एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने के लिए आ रहे हैं। दूसरी तरफ जिला प्रशासन कुत्तों को पकड़कर उनके बधियाकरण और टीकाकरण को करने की शर्तों में उलझा हुआ है।
शहर फतेहाबाद में कुत्तों को पकड़कर उनके बधियाकरण और टीकाकरण को लेकर लगाया गया टेंडर रद्द कर दिया गया है। नगर परिषद अधिकारियों ने टेंडर खोलने के लिए वित्तीय मंजूरी मांगी थी, लेकिन जिला नगर आयुक्त ने नहीं दी है। नगर परिषद अब तीसरी बार टेंडर लगाएगा। करीब एक साल से ये प्रोजेक्ट अटका हुआ है।
अधिकारियों की माने तो इस बार लगाए गए टेंडर में तीन एजेंसियों ने आवेदन किया। जब टेंडर को तकनीकी तौर पर खोला गया तो दो एजेंसियों के आवेदन सही नहीं मिले। एजेंसी शर्तें पूरी नहीं कर रहे थे। एक एजेंसी के दस्तावेज पूरे मिले और इस टेंडर वित्तीय तौर पर खोलने की अनुमति मांगी गई। लेकिन एक ही एजेंसी होने के कारण मंजूरी नहीं मिली।
इसलिए जरूरी है टीकाकरण और बधियाकरण
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कुत्तों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए बधियाकरण किया जाना जरूरी है। इसके अलावा कुत्ते के काटने से होने वाले रैबीज को रोकने के लिए टीकाकरण किया जाएगा। अगर कुत्ते का टीकाकरण होगा और वह किसी को काट लेता है तो इससे नुकसान नहीं होगा।
ये लगाई मुख्य शर्तें
– एजेंसी जितने भी कुत्तों का ऑपरेशन करेगी, उतने का ही भुगतान होगा।
– वेटरनरी डॉक्टर ठेकेदार को खुद रखना होगा।
– कुत्ते पकड़ने के साधन, एंटी रैबीज दवाई, कुत्ते की खुराक, कुत्ते के बीमार होने पर उसके उपचार को लेकर दवाइयों का प्रबंध खुद करना होगा।
– कुत्तों को रखने का स्थान, पानी, बिजली, ऑपरेशन थियेटर के लिए कमरे का प्रबंध करना होगा।
– कुत्तों को पकड़ते समय निर्दयता नहीं बरतनी होगी। सरकार द्वारा और एनिमल बोर्ड ऑफ इंडिया की तरफ से जो नियम बनाए गए हैं उनकी पालना ठेकेदार को करनी होगी।
– जिस क्षेत्र से कुत्तों को पकड़ा जाएगा उनका रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज करना होगा। ऑपरेशन के बाद कुत्तों को वापस छोड़ना होगा।
– बिल का भुगतान पशुपालन विभाग के डॉक्टर व कमेटी के सत्यापन के बाद ही किया जाएगा।
– नसबंदी के बाद कुत्ते के दाहिने कान पर वी मार्क का निशान लगाना होगा।
दो महिलाओं को काट चुके बुरी तरह
जिले में 10 दिनों के अंदर कुत्तों का झुंड दो महिलाओं को बुरी तरह से काट चुका है। टोहाना में बुजुर्ग महिला को कुत्तों ने बुरी तरह से काट लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। वहीं तीन दिन पहले गांव झलनियां में कुत्तों ने एक महिला को 8 जगह पर काट लिया था। जिससे महिला बुरी तरह से घायल हो गई थी।
गंभीर हमले के उपचार के लिए नहीं है इंजेक्शन
कुत्ते के काटने पर टीटी इंजेक्शन के अलावा एंटी रैबीज वैक्सीन लगाई जाती है। लेकिन अगर कुत्ते के हमले के कारण गंभीर रूप से घायल हो जाता है तो मरीज को इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन लगाया जाता है लेकिन इसकी सुविधा नागरिक अस्पताल में नहीं है।
पालतू कुत्तों का पंजीकरण नहीं हो रहा
आवारा कुत्तों के अलावा पालतू कुत्तों के काटने का भी लोग शिकार हो रहे हैं। पिछले दिनों पालतू कुत्ते के हमले को लेकर दो मामले भी दर्ज हो चुके हैं। बावजूद इसके सख्ती नहीं बरती गई है। नगर परिषद में पालतू कुत्तों को लेकर पंजीकरण ही नहीं करवाया जा रहा है। इसको लेकर नगर परिषद की तरफ से कोई सख्ती भी नहीं बरती जा रही।
इस संबंध में ईओ ही जानकारी दे सकते है। मेरे संज्ञान में मामला नहीं है।
– संजय बिश्रोई, जिला नगर आयुक्त
कुत्तों के बधियाकरण और टीकाकरण को लेकर टेंडर लगाया गया था। तीन एजेंसी आई थी लेकिन एक ही एजेंसी के दस्तावेज पूरे मिले। वित्तीय टेंडर खोलने की मंजूरी मांगी गई थी लेकिन नहीं मिली है। इसके चलते दोबारा टेंडर लगाया जाएगा।
– राजेंद्र सोनी, ईओ नगर परिषद
[ad_2]
Fatehabad News: कुत्तों के बधियाकरण का टेंडर रद्द, डीएमसी ने नहीं दी अनुमति, एक साल से अटकी है परियोजना