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फतेहाबाद की शिवालय मार्केट से खरीदी गई कीटनाशक की पर्ची।
फतेहाबाद। जिले में सोमवार काे हुई बारिश के बाद यूरिया खाद और कीटनाशक दवाओं की मांग बढ़ गई है। इसके साथ ही कीटनाशक दवाओं की कालाबाजारी भी बढ़ गई है। वहीं दुकानदार इनको बिल के बेच रहे हैं।
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बुधवार सुबह से ही विभिन्न खाद बिक्री केंद्रों पर यूरिया लेने के लिए किसान पहुंच गए। इफको खाद केंद्र पर 10 बजे खाद का वितरण शुरू हुआ और 12 बजे से पहले ही किसान 1500 बैग यूरिया खाद खरीद ले गए।
किसानों के अनुसार, गेहूं की फसल में सिंचाई के साथ और बारिश के बाद यूरिया का छिड़काव करते हैं, जिससे फसल की वृद्धि दर तेज होती है। बारिश होने से जिले के किसानों को खाद की एक साथ जरूरत हो गई है। ऐसे में खाद केंद्रों पर खाद खत्म होने के कारण निजी दुकानों से खाद खरीदनी पड़ रही है। भोडियाखेड़ा के किसान विनोद, बनगांव के रमेश व पवन आदि ने बताया कि दुकानदार पहले जहां यूरिया खाद के साथ अन्य सामान खरीदने की शर्त रख रहे थे, वहीं अब कीटनाशक दवाओं में भी कालाबाजारी शुरू हो गई है।
रबी सीजन फसल की कीटनाशक दवाओं का व्यापार भी बढ़ गया है। ऐसे में बाजार में कई दुकानें हैं, जहां पर किसानाें को बिना जांच और मनमाने दामों पर दवाएं बेची जाती हैं। कई बार दवाओं से फसलों को भी हानि पहुंचती है, लेकिन बिल न होने के कारण किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाता है और न ही संबंधित कंपनी पर कार्रवाई हो पाती है।
जब किसान शिकायत करता है तो किसान से बिल मांगा जाता है। बीते दिनों भट्टू मंडी से राजस्थान के किसान बलवान सिंह की फसल खराब हो गई थी। इस पर बिल नहीं होने के कारण दुकानदार पर कार्रवाई नहीं हो सकी थी। जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
———————————बिल और जीएसटी नंबर के बिना दुकानदार कोई भी दवाई नहीं बेच सकता। अगर ऐसा कोई मामला है तो जांच की जाएगी।
– डॉ. राजेश सिहाग, उपनिदेशक कृषि एवं कल्याण विभाग फतेहाबाद।