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फतेहाबाद। प्रदेश में आचार संहिता लगने के साथ ही जिले में भी विकास का पहिया थम गया है। जिले के सबसे बड़े प्रोजेक्ट मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास भी अब नई सरकार में ही हो पाएगा। गांव रसूलपुर में मेडिकल कॉलेज के लिए 35 एकड़ जमीन चिह्नित की जा चुकी है।
यह जमीन पंचायत विभाग से चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग को स्थानांतरित भी हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के पहले ही इसके शिलान्यास का इंतजार हो रहा था। इसके अलावा लोकसभा चुनाव खत्म होने के ढाई माह में शहर के विकास को लेकर एक भी बड़े प्रोजेक्ट पर मोहर नहीं लग गई। नगर परिषद द्वारा करीब 35 करोड़ के बनाए गए 100 कामों के प्रस्ताव प्रधान राजेंद्र सिहं खिंची और उपप्रधान सविता टुटेजा के बीच खींचतान के चलते सिरे नहीं चढ़ पाए। 100 कामों के प्रस्ताव में से 9 पर उपप्रधान ने सहमति नहीं जताई थी, इसके चलते प्रधान ने किसी भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। ये ही नहीं पार्षदों के बार-बार मांग के बावजूद हाउस की बैठक तक नहीं बुलाई गई। शहर में काम न होने के चलते पार्षदों ने संगठन भी बनाया लेकिन फिर भी प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ा पाए।
लोकसभा चुनाव से पहले भी खींचतान के चलते काम अटक गए थे। पार्षदों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद काम होंगे लेकिन ढाई माह खींचतान में बीत गए। शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट चिल्ली झील सुंदरीकरण, साइकिल ट्रैक, कम्युनिटी सेंटर का निर्माण, मॉडल टाउन में मास्टिक की सड़कें, डस्टबिन खरीद, हिसार रोड पर स्ट्रीट लाइट आदि प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो पाया।
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ये थे मुख्य बड़े प्रोजेक्ट
काम अनुमानित लागत
साइकिल ट्रैक 2.80 करोड़
कम्युनिटी सेंटर निर्माण 6.03 करोड़
हंस कॉलोनी में पार्क निर्माण 25 लाख
फव्वारा चौक से जवाहर चौक तक फुटपाथ निर्माण 49 लाख
सेक्टर तीन से बस स्टैंड तक स्ट्रीट लाइट 50 लाख
वेल्कम गेट हिसार रोड 62 लाख
वेल्कम गेट सिरसा रोड 68 लाख
चिल्ली का सुंदरीकरण 2 करोड़ 49 लाख
गलियों के सूचना बोर्ड 48.97 लाख
डस्टबिन 1 वार्ड से 27 30 लाख
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पार्कों की सफाई का ठेका भी हो चुका है रद्द
नगर परिषद ने शहर के पार्कों को सफाई और मरम्मत को लेकर संस्थाओं को गोद दिया था। लेकिन दो दिन बाद ही ठेेके को रद्द कर दिया गया। हिसार और झज्जर की संस्थाओं को पार्क गोद दिए गए थे इसको लेकर स्थानीय संस्थाओं ने विरोध जताया था।
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कुत्तों के बधियाकरण का रद्द हो चुका है टेंडर
शहर में कुत्तों को पकड़कर बधियाकरण व टीकाकरण को लेकर टेंडर लगाया गया था। एजेंसी एक ही होने के चलते मंजूरी नहीं मिली। इसे रद्द कर दिया गया था। लेकिन दोबारा से टेंडर नहीं लगाया गया।
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डिवाइडर का रोका जा चुका है निर्माण
हिसार-सिरसा रोड पर नगर परिषद द्वारा डिवाइडर का निर्माण करवाया जा रहा है। ये निर्माण सिरसा रोड पर सेतिया पैलेस के सामने से लेकर हिसार रोड पर मताना मोड़ तक होता है लेकिन गड़बड़ी को लेकर प्रधान राजेंद्र सिंह खिंची काम रूकवा चुके है।
वित्तीय कमेटी सहमति दिखाती तो हो जाते काम : पार्षद
वित्तीय कमेटी की पहले जो बैठक बुलाई गई, उसमें सहमति नहीं बनी। पार्षदों की तरफ से प्रस्ताव दिए गए कि दो-दो गलियों का निर्माण करवाया जाए और मरम्मत कार्य करवाए जाएं लेकिन उसको लेकर कमेटी की बैठक ही नहीं हुई है। 6 माह से हाउस की बैठक भी नहीं बुलाई गई। इसका खमियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
– मोहन लाल नारंग, पार्षद एवं सचिव पार्षद संगठन
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जो प्रस्ताव पहले दिए गए थे, कुछ को छोड़कर बाकि पर मेरी तरह से हस्ताक्षर कर दिए गए थे। अब भी विकास कार्य करवाने को लेकर योजना बनाई जा रही थी लेकिन अचानक चुनाव की घोषणा हो गई है।
– सविता टुटेजा, उपप्रधान
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विकास कार्य करवाने को लेकर गंभीर रहे है। जो प्रस्ताव बनाए गए थे, उन पर कमेटी की सहमति नहीं बन पाई। अधिकारियों को नए सिरे से प्रस्ताव बनाने के लिए भी निर्देश दिए गए थे।
– राजेंद्र सिंह खिंची, प्रधान नगर परिषद
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Fatehabad News: आचार संहिता से थमा विकास का पहिया, खींचतान में लटक गए शहर के 35 करोड़ के प्रस्ताव