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फतेहाबाद। कामकाज का बढ़ता बोझ, परिवार में कलह समेत कई कारणों से तनाव और घबराहट के मरीज बढ़ रहे हैं। इन मरीजों में अल्जाइमर (याददाश्त भूलने) के लक्षण भी आ रहे हैं। अगर समय रहते उपचार नहीं लिया जाता है रोग गंभीर हो रहा है।
यही नहीं मोबाइल फोन के ज्यादा प्रयोग के कारण पर अल्जाइमर के लक्षण युवाओं में भी आ रहे हैं। 65 साल की उम्र से पहले ही याददाश्त कमजोर हो रही है। जिसके कारण वे चीजों को भी भूल रहे हैं। नागरिक अस्पताल में मनोचिकित्सक की ओपीडी में रोजाना 15 से 20 मरीज अवसाद और चिंता (एंग्जाइटी) के पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी अन्य बीमारी के कारण या फिर मस्तिष्क में चोट लगने के कारण भी याददाश्त पर असर पड़ रहा है।
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मोबाइल फोन के ज्यादा प्रयोग से भी याददाश्त पर असर
नागरिक अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. गिरीश का कहना है कि मोबाइल फोन के ज्यादा प्रयोग से भी याददाश्त पर असर पड़ रहा है। मोबाइल फोन के प्रयोग से चिड़चिड़ापन, तनाव से लोग ग्रस्त हो रहे हैं। उनमें चीजों को भूलने, तर्क करने की क्षमता में कमी आ रही है।
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मनोचिकित्सक की ओपीडी में आए मरीजों की स्थिति :
बीमारी ओपीडी में आए मरीज
अवसाद 1618
एंग्जाइटी 598
सिजोफ्रेनिया 93
बायपोलर डिस्आर्डर 17
गंभीर डिप्रेशन 13
दौरे आना 130
नोट : ये आंकड़ा वर्ष 2024 में अप्रैल से जून माह तक का है।
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अगर किसी को अवसाद, भूलने आदि की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है या लक्षण आ रहे हैं तो ध्यान देने की जरूरत है। लंबे समय से तनाव के शिकार लोगों में जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए समय रहते मनोचिकित्सक से उपचार लेना चाहिए।
– डॉ. गिरीश, मनोचिकित्सक
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