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फतेहाबाद के ई-दिशा केंद्र में लिपिक वर्ग की हड़ताल के चलते बंद पड़ा रजिस्ट्री कार्यालय।
फतेहाबाद। जिले के करीब 350 लिपिक वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर सोमवार से हड़ताल पर चले गए। लिपिकों ने लघु सचिवालय के बाहर तीन दिवसीय सांकेतिक धरना शुरू कर दिया है। इससे नागरिकों को मिलने वाली 256 सरकारी सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। सबसे अधिक ई-दिशा केंद्र और तहसील कार्यालयों में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।
हड़ताल के चलते पहले दिन जिले में 250 रजिस्ट्री, 100 ड्राइविंग लाइसेंस और 300 वाहन पंजीकरण के कार्य बाधित हुए। दो दिन की छुट्टी के बाद लघु सचिवालय पहुंचे नागरिक अपने काम के लिए इधर से उधर भटकते नजर आए। प्रशासन की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से लोगों को बिना काम करवाए ही लौटना पड़ा।
ये कार्य हुए सबसे अधिक प्रभावित
लिपिकों की हड़ताल के चलते फतेहाबाद, टोहाना व रतिया स्थित ई-दिशा केंद्रों व अन्य सरकारी कार्यालयों में रजिस्ट्री, लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, बिजली बिल जमा करने, नगर परिषद में प्रॉपर्टी टैक्स भरने, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र बनवाने जैसे कार्य बाधित हुए। डीसी, एसडीएम और तहसील कार्यालय में भी कामकाज ठप रहा। सरल पोर्टल के जरिये नागरिकों को दी जाने वाली 256 प्रकार की ऑनलाइन सेवाओं का काम भी नहीं हो सका। रजिस्ट्री के लिए लोग परिवार सहित ई-दिशा केंद्र पहुंचे, लेकिन हड़ताल के चलते उन्हें लौटना पड़ा।
मैं फतेहाबाद के लघु सचिवालय में रजिस्ट्री संबंधी काम के लिए आया था। मगर मुझे यहां पहुंचने के बाद पता चला कि लिपिकों ने हड़ताल की हुई है। इस कारण रजिस्ट्री कार्य नहीं हो सकेगा। मुझे बिना काम हुए घर जाना पड़ा। अब फिर से आना होगा।
श्रवण कुमार, निवासी, गांव मानावाली
मैं ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लघु सचिवालय के ई-दिशा केंद्र में आई थी। मगर यहां आने के बाद पता चला कि लिपिकों की हड़ताल के चलते ड्राइविंग लाइसेंस आदि के काम नहीं हो सकते। प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।
प्रवीण कौर, निवासी, गांव आकांवाली
लिपिकों की हड़ताल के चलते कामकाज प्रभावित हुआ है। रजिस्ट्री, वाहन पंजीकरण संबंधी काम नहीं हो सके। कुछ कार्य अन्य स्टाफ सदस्यों की ओर से करवाए गए हैं।
राजेश कुमार, एसडीएम, फतेहाबाद
लिपिक बोले- वेतनमान 35,400 होना चाहिए
धरने की अध्यक्षता करते हुए क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के जिला प्रधान संदीप पूनिया ने कहा कि सरकार ने अन्य वर्गाें के कर्मचारियों का ग्रेड 35400 रुपये कर दिया है। ऐसे में लिपिकों की मांग है कि उनका भी वेतन 35400 किया जाए। वर्तमान सरकार लिपिक वर्ग के साथ नाइंसाफी कर रही है। वर्ष 2023 में लिपिक वर्ग की हड़ताल लगातार 42 दिनों तक जारी रही थी। इस दौरान लिपिक वर्ग को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से उनकी सभी मांगों को मानते हुए एक माह में उन्हें लागू करने का आश्वासन मिला था। मगर एक वर्ष बीतने के बाद भी उनकी मांगों को नहीं माना गया है। सरकार वादे करके मुकर गई है। लिपिक संदीप कुमार, ताराचंद, अनिल कुमार, वीरेंद्र शर्मा, लालचंद, धर्मवीर, कर्मपाल, प्रवीन कुमार, सचिन, कविता, रितु और सरोज देवी आदि ने बताया कि सरकार समय-समय पर सभी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करती रही है। मगर लिपिकों के वेतन में साल 2016 के बाद से कोई बढ़ाेतरी नहीं की गई है।
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Fatehabad News: लिपिक बैठे धरने पर, काम के लिए भटकते रहे लोग