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Fatehabad News: राजस्थान सीमा से लगते जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बसों की कमी, जोखिम भरी यात्रा करने को मजबूर यात्री Latest Haryana News

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फतेहाबाद। जिले में हरियाणा रोडवेज की 176 बसें होने के बावजूद राजस्थान सीमा से लगते गांव और जीटी रोड के साथ नहीं लगने वाले कई ग्रामीण रूटों पर यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। कुछ ग्रामीण रूटों पर बसों के फेरे मांग से बेहद कम हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को घर से बाहर जाने के लिए मुश्किलों से जूझना पड़ता है।

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पिछले वर्ष जिले में 23 मिनी बसें रोडवेज के पास पहुंची थी। इससे ग्रामीण रूटों पर भी बस सेवा बढ़ने की उम्मीद जगी थी, लेकिन ग्रामीण रूटों पर हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं। इसके कारण विद्यार्थी, कर्मचारी व ग्रामीण यात्री निजी वाहनों से जिला मुख्यालय तक आने-जाने को मजबूर हैं। वहीं रूटों पर कम बसें होने के कारण यात्रियों को बसों में लटक कर जोखिम भरी यात्रा करनी पड़ती है।

राजस्थान के साथ लगते जिले के गांव ठूंइया, रामसरा, ढाबी खुर्द, ढाबी कलां, जांडवाला बागड़, दैयड़, खाबड़ा कलां, बनमंदोरी और मेहूवाला आदि गांव में बसों के फेरे कम हैं। गांव बनमंदोरी तक एक भी बस नहीं पहुंच पा रही है। इस कारण लोगों को परिवहन सुविधा के लिए खूब परेशान होना पड़ता है। जिन रूटों पर सुविधा मिल रही है, उन पर भी बसों के फेरे कम हैं।

हजारों छात्रों से बस पास की राशि वसूलने के बाद भी नहीं मिल सकी बस

ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों का कहना है कि गांव से जिला मुख्यालय और शिक्षण संस्थानों तक पहुंचने के लिए रोडवेज ने विद्यार्थियों के बस पास तो बना दिए हैं, लेकिन उनके गांवों तक बसें नहीं पहुंच रही है। इस कारण बस पास उनके लिए किसी भी काम का नहीं है। मजबूरन निजी वाहनों के सहारे आना जाना पड़ता है। रोडवेज को बसों की व्यवस्था में सुधार के लिए सभी ग्रामीण रूटों पर मांग के अनुसार बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

गांव में सुबह एक ही मिनी बस आती है, जिसमें सवारी ज्यादा होने के कारण लटक कर कॉलेज तक जाना पड़ रहा है। शाम के समय भी बस की सुविधा नहीं होने के कारण गांव से तीन किलोमीटर दूर मेहूवाला मोड़ तक पैदल या फिर निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।

-उपासना, निवासी, गांव मेहूवाला

बसों की संख्या कम होने के कारण विद्यार्थियों को शिक्षण संस्थान तक पहुंचने के लिए जोखिम भरा सफर करना पड़ रहा हैं। विद्यार्थियों को बसों के दरवाजों पर लटक या अंदर खड़े होकर सफर करना पड़ता है। वापसी में कई बार बस मिलती नहीं तो ऑटो में महंगा किराया देकर आना पड़ता है।

-विवेक कुमार, निवासी, गांव खाबड़ा कलां

सुबह के समय बसों की संख्या कम होने के कारण बस में छात्राओं के लिए सफर करना मुश्किल हो रहा है। रोडवेज ने छात्राओं को फ्री बस पास की सुविधा तो दी है, लेकिन बसें नहीं होने के कारण पास बेकार साबित हो रहे हैं।

-ज्योति, निवासी, गांव मेहूवाला

मेरे पास अभी तक ऐसे किसी भी गांव की जानकारी नहीं आई है, जहां रोडवेज बस नहीं पहुंच रही है। फिर भी कोई गांव ऐसा है, जहां बसों के फेरों की कमी है तो उन गांवों तक बसों की सुविधा प्रदान की जाएगी।

अजय दलाल, महाप्रबंधक, रोडवेज फतेहाबाद

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