सुरेश कुमार जागलान अपने मधुमक्खी का शहद तैयार करते हुए
फतेहाबाद। युवा अपनी मेहनत और जुनून से अपने मुकाम को हासिल कर रहे हैं। खेल, कृषि, व्यापार में युवा अपना नाम कमा रहे हैं लेकिन इसके पीछे उनकी अपनी कहानियां भी है। किसी ने संघर्ष किया तो किसी ने नौकरी छोड़कर किस्मत आजमाई है।
जांडली कलां के सुरेश ने गुरुग्राम में आईटी की नौकरी छोड़कर खुद का बिजनेस शुरू किया। अब खुद का स्टार्टअप शुरू करके 20 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं। किसी ने खेल को अपना कॅरिअर बनाया तो किसी ने खुद का उद्योग लगा अन्य लोगों को रोजगार देने के काम किया।आज युवा दिवस पर फतेहाबाद के ऐसे ही सफल लोगों की कहानी जिनसे आपको सीख मिलेगी कि हिम्मत हो तो कभी भी सफल हुआ जा सकता है।
नौकरी छोड़, तैयार करने लगे शहर, पूरे भारत में कर रहे सप्लाई
गांव जांडली कलां निवासी सुरेश जागलान आईटी में बीटेक पास है। सुरेश ने बताया कि बीटेक करने के बाद गुरुग्राम में कंपनी में नौकरी करने लगा। नौकरी में मन नहीं लगा और खुद का बिजनेस शुरू करने की सोची। गांव में आकर मधुमक्खियों का शहद तैयार करने लगा और एकता हन्नी के नाम से कंपनी बनाई। शुरुआत में परेशानी आई लेकिन गुणवत्ता अच्छी होने के कारण डिमांड बढ़ी। आज पूरे भारत में शहद सप्लाई कर रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा एग्रो, हैफेड को भी सप्लाई दे रहे हैं।
भारतीय साइकिलिंग टीम का कोच बने सुरेंद्र
गांव बनगांव निवासी सुरेंद्र जाखड़ के शौक के कारण आज भारतीय साइकिलिंग टीम के कोच है। सुरेंद्र ने बताया कि बचपन से ही साइकिल चलाने का शौक था। गांव में पढ़ाई के साथ-साथ साइकिलिंग को जारी रखा। नेशनल और ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी स्तर पर प्रथम स्थान हासिल कर चुके है। भारतीय खेल प्राधिकरण में साइकिलिंग कोच के तौर पर वर्ष 2021 में चयन हुआ है। पिछले तीन साल से भारतीय साइकिलिंग टीम को कोचिंग दे रहा है।
मुसीबतें आई लेकिन हौंसला नहीं छोड़ा, बना कमांडेंट
गांव पीलीमंदोरी निवासी सुनील गोदारा ने सरकारी नौकरी लगने के बाद भी अपने सपने को पूरा किया है। सुनील ने बताया कि वह सीआरपीफ में कमांडेंट बनना चाहता था। सेना से जुड़ने के लिए 6 बार लेफ्टिनेंट के साक्षात्कार तथा चार बार फ्लाइंग ऑफिसर पद के लिए साक्षात्कार दिया, लेकिन सफल नहीं हो पाया। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए साल 2020 में हरियाणा में क्लर्क की भर्ती में चयन हुआ और पंचकूला में पशुपालन विभाग में ज्वाइन किया। इस बीच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में सहायक कमांडेंट की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। परीक्षा से मात्र 15 दिन पहले तबीयत बिगड़ गई लेकिन हौंसला नहीं छोड़ा। अब जुलाई माह में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीआरपीएफ) में सहायक कमांडेंट के पद पर चयन हुआ है।
पहले खुद रोजगार की तलाश में, अब 20 लोगों को दिया हुआ है काम
शहर के औद्योगिक क्षेत्र में विनय कपूर ने कैरी बैग बनाने की फैक्टरी लगा रखी है। इन बैग को विनय हरियाणा के अलावा पंजाब, राजस्थान में भी सप्लाई कर रहे हैं। विनय कपूर का कहना है कि उनके पास 20 लोग काम कर रहे हैं। शुरुआत में स्नातक की पढ़ाई की तो रोजगार ढूंढ रहे थे लेकिन इस दौरान कैरी बैग का बिजनेस शुरू करने का आइडिया आया और शुरू किया। आज उनका अच्छा खासा काम चल रहा है।
Fatehabad News: युवाओं ने नहीं हारी हिम्मत, संघर्ष किया और पाया मुकाम