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संवाद न्यूज एजेंसी
फतेहाबाद। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने शनिवार को कक्षा दसवीं का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया। जिले का परीक्षा परिणाम 93.59 फीसदी रहा है, जबकि पिछले सत्र में 97.6 फीसदी था। इस परिणाम के बाद जिला प्रदेश में 7वें से 12वें पायदान पर पहुंच गया।
यहां तक टॉप टेन सूची में भी जिले के विद्यार्थी शामिल नहीं हो पाए। पिछले साल के मुकाबले इस बार परिणाम 3.47 फीसदी कम रहा है। जिले में इस बार 11,255 विद्यार्थियों ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा दी थी। जिसमें से 10,533 विद्यार्थी पास हुए हैं। इसके अलावा 535 विद्यार्थियों की ईआईओपी यानि कंपार्टमेंट रही है। इसके अलावा 187 विद्यार्थियों की ईआर रही है यानि की दोबारा से परीक्षा में बैठने की जरूरत होगी।
प्राइवेट विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम बढ़ा : जिले में नियमित की जगह प्राइवेट विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। जिले का परिणाम 85.02 फीसदी रहा है। जबकि पिछले साल 84.21 फीसदी रहा था। जिले में इस बार 534 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जिसमें 454 विद्यार्थी पास हुए हैं। इसके अलावा 80 विद्यार्थियों की एसेंशियल रिपीट यानि ऐसे परीक्षार्थियों को परीक्षा में फिर से बैठने की जरूरत होगी।
पिछले 9 सालों का ये रहा परिणाम
वर्ष परिणाम
2017 50.31
2018 48.99
2019 56.82
2020 69.77
2021 100
2022 69.75
2023 72.40
2024 97.06
2025 93.59
नोट : परिणाम फीसदी में है।
सात सालों में परिणाम 44 फीसदी से ज्यादा बढ़ा
जिले का परीक्षा परिणाम बेशक पिछले साल की तुलना में 4.35 फीसदी तक कम रहा है, लेकिन वर्ष 2018 की बात रहें तो परिणाम 50 फीसदी से भी कम रहा है। वर्ष 2018 में 48.99 फीसदी परिणाम रहा। इसके बाद परिणाम में लगातार बढ़ोतरी हुई है और पिछले साल पहली बार 90 फीसदी से ज्यादा का आंकड़ा छुआ था। इस बार भी जिले का परिणाम 90 फीसदी से अधिक रहा है।
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प्राइवेट विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम बढ़ा
जिले में नियमित की जगह प्राइवेट विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। जिले का परिणाम 85.02 फीसदी रहा है। जबकि पिछले साल 84.21 फीसदी रहा था। जिले में इस बार 534 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जिसमें 454 विद्यार्थी पास हुए हैं। इसके अलावा 80 विद्यार्थियों की एसेंशियल रिपीट यानि ऐसे परीक्षार्थियों को परीक्षा में फिर से बैठने की जरूरत होगी।
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कक्षा दसवीं में विद्यार्थियों को ज्यादा अभ्यास की जरूरत होती है। वजह ये है कि कक्षा आठवीं तक कोई बोर्ड नहीं है। कक्षा नौंवी में विद्यार्थी आगे बोर्ड परीक्षा को लेकर गंभीर होता है और अभ्यास शुरू करता है। जिले का परीक्षा परिणाम बेहतर रहा है। इसके और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए प्रयास किया जाएंगे।
– संगीता बिश्नोई, जिला शिक्षा अधिकारी
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