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चंडीगढ़. हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर पर हलचल बढ़ी है. किसान आंदोलन के चलते एक बार फिर से पुलिस फोर्स बढ़ाई गई है. अहम बात है कि 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे. हालांकि, उससे पहले, ही हरियाणा सरकार ने अंबाला में धारा 163 (पहले 144) लगा दी है. अब किसानों को किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन के लिए डीसी से अनुमति लेनी होगी.
दरअसल, हरियाणा के शंभू, खनौरी और सिंघू बॉर्डर के आसपास पुलिस की हलचल बढ़ गई है. किसानों ने दिल्ली जाने का ऐलान किया है और बीते 11 महीने से अंबाला और जींद के बॉर्डरों के पास किसान डटे हुए हैं. किसान जहां इस बार पैदल मार्च करते हुए दिल्ली जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं है. उधर, अंबाला के शंभू बॉर्डर के पास गुरुवार दोपहर 12 बजे किसान नेताओं और पंजाब पुलिस में मीटिंग चल रही है और उसमें तय हुआ है कि 100 किसानों का दल दिल्ली जाएगा. खनौरी बॉर्डर पर डटे किसान दिल्ली नहीं जाएंगे. केवल अंबाला से किसान जाएंगे.
किसान आंदोलन को लीड कर रहे किसान नेता सरवण सिंह पंढेर ने कहा कि इस वक़्त हम शम्भू बॉर्डर पर खड़े हैं और सब जानते हैं कि हम एमएसपी खरीद का की लीगल गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा, किसान मजदूर की कर्जमाफी और अन्य 12 मांगों पर किसानों के हित में आंदोलन कर रहे हैं. पंढेर ने कहा कि जैसा कि देश के उपराष्ट्रपति जी ने भी बोला और उनकी अंतरात्मा जागी है. हरियाणा के डीसी ने हमें नोटिस भेजा की हरियाणा में 163 धारा (144) लागू है, वहां सब सामान्य चल रहा है, लेकिन किसानों के लिए धारा-144 लगी है. हमारा पैदल जाने का कार्यक्रम है और हम दिल्ली पैदल जाएंगे. लेकिन अब अब पैदल जाने में भी पाबन्दी लग रही है. पंढेर ने कहा कि छह दिसंबर को यहीं से हम दिल्ली की जत्था रवाना करेंगे. इस संबंध में गुरुवार को शाम तीन बजे प्रेस कांफ्रेंस करके सारी बातों का खुलासा किया जाएगा.
पिछले 9 महीने से किसान हमारे देश का सड़कों पर है। भारतीय जनता पार्टी मानी हुई मांगों को क्यों पूरा नहीं कर रही है।
भारत के किसानों का संघर्ष केवल उनकी आजीविका का नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के भविष्य का सवाल है।
फसल का मूल्य तय करने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के…— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 5, 2024
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