पैसों की कब और कहां जरूरत पड़ जाए, इसके बारे में कोई नहीं जानता। यही वजह है कि हम सभी इस तरह की जरूरतों के लिए कुछ पैसा बचाकर रखते हैं। लेकिन ये भी देखा जाता है कि लोग कई बार अपनी सेविंग्स को गैर-जरूरत या फिर अपने शौक पर खर्च कर देते हैं। आज हम यहां इमरजेंसी फंड के बारे में जानेंगे कि आखिर ये होता क्या है, ये इतना जरूरी क्यों है और इसकी कब जरूरत पड़ सकती है?
क्या होता है इमरजेंसी फंड
इमरजेंसी फंड एक कैश रिजर्व फंड है जिसे खासतौर पर अचानक आने वाले खर्चों या फाइनेंशियल इमरजेंसी के लिए अलग और सुरक्षित रखा जाता है। नौकरी छूटने पर, अस्पताल के खर्च में, घर की जरूरी रिपेयरिंग जिसे टाला नहीं जा सकता, कुछ बहुत जरूरी सामान खरीदने जैसी परिस्थितियों में इन पैसों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
आमतौर पर, इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल किसी भी छोटे या बड़े अनियोजित बिल या पेमेंट के लिए किया जा सकता है जो आपके नियमित खर्च का हिस्सा नहीं होते हैं। सेविंग्स के बिना एक छोटा वित्तीय झटका भी व्यक्ति को पीछे की ओर धकेल देता है। दरअसल, पैसों की जरूरत पड़ने पर अगर आपके पास पैसे नहीं हैं तो आपको कर्ज लेना पड़ सकता है, जिसे न चुका पाने की स्थिति में आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं।
इमरजेंसी फंड में कम से कम कितने रुपये होने चाहिए
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि आपके इमरजेंसी फंड में कम से कम 6 से 9 महीनों का खर्च होना चाहिए। यानी ये रकम इतनी होनी चाहिए, जिससे आप 6 से 9 महीनों तक अपने परिवार का खर्च चला सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपकी मंथली सैलरी 50,000 रुपये है और महीने भर पूरे परिवार का खर्च चलाने में आपके 30,000 रुपये खर्च हो जाते हैं तो आपको अपने इमरजेंसी फंड में 1.80 लाख रुपये से 2.70 लाख रुपये (30,000 को 6 या 9 से गुणा करने पर) होने चाहिए।
इमरजेंसी फंड के लिए क्या है जरूरी नियम
इस बात का खास ध्यान रखें कि इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी में ही होना चाहिए। किसी भी गैर-जरूरत या शौक के लिए इस फंड में से एक भी रुपया नहीं निकलना चाहिए। इमरजेंसी के समय अगर आप इस फंड का इस्तेमाल करते हैं तो स्थिति सामान्य होते ही इसमें दोबारा पैसे डाल दें।
Emergency Fund क्या होता है, आखिर ये इतना जरूरी क्यों है- कब और क्या जरूरत पड़ सकती है – India TV Hindi