हरियाणा के जींद जिले के गांव निडानी निवासी महिला पहलवान अंशु मलिक ने अपने जन्मदिन के दिन राष्ट्रमंडल खेलों के 57 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीतकर देश को तोहफा दिया है। हालांकि वह दो अंक से गोल्ड से चूक गईं लेकिन पहली ही बार में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है।
अपने घर पर लैपटॉप में अपनी 21 वर्षीय बेटी अंशु मलिक का मैच देख रहे उनके पिता धर्मवीर मलिक ने बताया कि उनकी बेटी ने उनका नाम रोशन किया है। उन्हें मलाल है कि उनकी बेटी गोल्ड नहीं ला पाई लेकिन रजत पदक लाना बहुत बड़ी बात है। आज उनकी बेटी का जन्मदिन है, जन्मदिन के मौके पर उनकी बेटी ने देश को यह बहुत बड़ा तोहफा दिया है। अंशु मलिक का पूरा परिवार पहलवानी से जुड़ा हुआ है। अंशु मलिक ने 13 वर्ष की आयु में ही पहलवानी शुरू कर दी थी। उन्होंने जगदीश श्योराण से कुश्ती के गुर सीखे।
अंशु मलिक ने अब तक जीते ये पदक
अंशु मलिक ने 2016 में एशियन सब जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, 2016 में ही विश्व कैडिट चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल, 2017 में विश्व खेल स्कूल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, 2017 में एशिया कैडिट कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल, 2017 में ही एथेंस में विश्व कैडिट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।
2018 में एशियन सब जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, विश्व जूनियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल, विश्व सब जूनियन चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल, 2019 में एशियन सब जूनियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, 2020 में विश्व रेंकिंग कुश्ती चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल, सीनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
अंशु मलिक ने सीनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप दिल्ली में ब्रॉन्ज मेडल, सीनियर वर्ल्ड कप रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल , 2021 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है।
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