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गीता समोता
देश के सुरक्षा बलों के इतिहास में एक नया और गौरवशाली अध्याय जुड़ गया है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की सब-इंस्पेक्टर गीता सामोता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी यानी माउंट एवरेस्ट पर फतह कर इतिहास रच दिया है। CISF के 56 वर्षों के गौरवशाली सफर में यह पहली बार है जब बल की किसी महिला कर्मी ने 8,849 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है। CISF के प्रवक्ता ने मंगलवार को इस उपलब्धि की जानकारी दी और बताया कि गीता ने सोमवार को यह कठिन चढ़ाई पूरी की। प्रवक्ता के अनुसार, जब गीता एवरेस्ट की चोटी पर खड़ी थीं, वो सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं थी, बल्कि यह CISF और पूरे भारत के अदम्य साहस, हौसले और जज्बे की मिसाल भी थी। यह पल देश के लिए भी गर्व का क्षण बन गया।
राजस्थान के गांव से पहाड़ तक का सफर
35 वर्षीय गीता सामोता राजस्थान के सीकर जिले के चाक गांव की रहने वाली हैं। गीता का शुरुआती सफर खेल जगत से जुड़ा रहा। वह एक बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी थीं, लेकिन चोट के चलते उन्हें खेल से दूरी बनानी पड़ी। इसके बाद उन्होंने 2011 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में भर्ती होकर देश की सेवा का निर्णय लिया। वर्तमान में गीता उदयपुर हवाईअड्डा इकाई में तैनात हैं। पर्वतारोहण में उनकी रुचि ने उन्हें एक नया मुकाम दिलाया। खास बात यह है कि जब उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखा, तब CISF के पास कोई पर्वतारोहण टीम नहीं थी। इसके बावजूद उन्होंने अपनी लगन और मेहनत से न सिर्फ खुद को साबित किया, बल्कि बल के इतिहास में एक नई मिसाल कायम की।
पर्वतारोहण का सफर और उल्लेखनीय उपलब्धियां
गीता सामोता ने पर्वतारोहण में विशेष प्रशिक्षण हासिल किया और 2019 में बड़ी उपलब्धियां अपने नाम कीं। वह उत्तराखंड में स्थित माउंट सतोपंथ (7,075 मीटर) और नेपाल के माउंट लोबुचे (6,119 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाली देश की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की पहली महिला कर्मी बनीं। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि यदि हौसला और हिम्मत बुलंद हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता। माउंट एवरेस्ट की कठिन और जानलेवा चढ़ाई को पूरा करना हर पर्वतारोही का सपना होता है, और गीता ने इसे सच कर दिखाया।
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CISF की गीता सामोता ने रचा इतिहास, माउंट एवरेस्ट पर लहराया तिरंगा