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चरखी दादरी। दादरी जिले में सभी 42 गांवों से बारिश के पानी की निकासी काम पूरा हो गया है। पानी निकासी का काम 123 दिन में पूरा हो सका है। जिलेभर में जलभराव से 4400 एकड़ जमीन में खड़ी फसलें प्रभावित हुईं। फसलों में 25 से 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ। पानी की निकासी के लिए 270 पंप एवं मोटर लगाने पड़े।
जिला का गांव इमलोटा सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। यहां पानी निकासी करवाने में सबसे ज्यादा समय लगता है। खेतों से पानी की निकासी समय पर होने से किसान रबी की फसलों की बिजाई कर सकेंगे। बीते मानसून सीजन में जिला में 500 एमएम बारिश हुई है।
एक माह से पश्चिमी हवाएं चलने व मौसम साफ होने से जलभराव वाले खेतों से पानी की निकासी हो सकी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार साफ मौसम में फसलों में रोग भी कम लगते है। जलभराव की वजह से ग्वार, ज्वार, मूंग, धान व कपास की फसलें प्रभावित हुईं। जिला में इस बार मानसून सीजन में करीब 500 एमएम बारिश हुई है। गत वर्ष 400 एमएम बारिश हुई थी।
जिला के 42 गांवों में खेतों में ज्यादा जलभराव होने से खरीफ की फसलों में काफी नुकसान हुआ। गांव भागवी, इमलोटा, सरूपगढ़, सातौर,साहुवास, फतेहगढ़, रावलधी, साहुवास, मिसरी, जयश्री, झींझर, बिरही कलां, कलियाणा, घसौला, बौंद कलां, ऊण, नीमड़ी, ढाणी फोगाट, समसपुर, लोहरवाड़ा आदि गांवों में खड़ी फसलों में ज्यादा मात्रा में जलभराव हुआ।
गत 26 जून से मानसून की बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था। वैसे तो मानसून सीजन सवा तीन माह का रहा जबकि जिला में 17 दिन ही इंद्रदेव बरसे थे। इन 17 दिन में ही सामान्य बारिश हो गई थी। जिला में कपास की फसल करीब 30 हजार हेक्टेयर में थी। बाजरा का रकबा एक लाख 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र था। अब पानी निकासी होने पर किसान इस जमीन में गेहूं की बिजाई कर सकेंगे।
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Charkhi Dadri News: 123 दिनों में हो सकी 42 गांवों से मानसून की बारिश के पानी की निकासी

