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वर्ष 2018 से वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर दादरी सिविल अस्पताल से भिवानी रेफर किए जा रहे मरीज, योजना बनने के दो साल बाद भी दादरी में शुरू नहीं हुई सुविधा
– भिवानी की भाग-दौड़ में मरीजों के साथ तीमारदारों को झेलनी पड़ रही परेशानी
संवाद न्यूज एजेंसी
चरखी दादरी। लंबा समय बीतने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से दादरी में सीटी स्कैन और एमआरआई सुविधा शुरू नहीं की जा सकी है। यहां केवल मरीजों को पर्ची थमाकर भिवानी भेजा जा रहा है। हर माह करीब 200 मरीजों को साथ लगते भिवानी जिले की भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। वर्ष 2018 से लेकर अक्तूबर 2024 तक सिविल अस्पताल से 10,000 से ज्यादा मरीज रेफर किए जा चुके हैं।
दादरी सिविल अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मरीजों को भिवानी भेजा जा रहा है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर छह कैटेगरी को इन सुविधाओं का लाभ निशुल्क मिलता है, जबकि, अन्य लोगों के लिए रेट निर्धारित हैं। यह रेट प्राइवेट केंद्रों के मुकाबले आधे ही हैं। ऐसे में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर आधे रेट में एमआरआई और सीटी स्कैन करवाने के लिए जिले के मरीजों को भिवानी आने-जाने में करीब 70 किलोमीटर की भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। फिलहाल, प्रतिमाह 200 मरीज रेफर किए जा रहे हैं।
सिविल अस्पताल की दैनिक ओपीडी 1300 है। यहां से एमआरआई और सीटी स्कैन के लिए मरीज पर्ची देकर भिवानी रेफर किए जा रहे हैं। इसके चलते मरीजों को दूसरे जिलों की भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। सिविल अस्पताल में इन सेवाओं के लिए की गईं वैकल्पिक व्यवस्थाओं की संवाददाता ने पड़ताल की तो सामने आया कि जनवरी 2018 से यह सिलसिला जारी है। शुरुआती दो साल तक मरीजों की संख्या प्रतिमाह 150 से नीचे रही, लेकिन अब यह संख्या 200 तक पहुंच चुकी है।
50 प्रतिशत रेट पर सेवा लेने में दिक्कतें बड़ी
फिलहाल जो व्यवस्था है, उसके मुताबिक, एजेंसी ने सिविल अस्पताल में कर्मचारी तैनात किए हुए हैं। वे मरीज को पर्ची देकर भिवानी भेजते हैं। वहां एमआरआई और सीटी स्कैन करवाने के अगले दिन मरीज को रिपोर्ट मिलती है। वहीं, कुछ मरीज तो भिवानी जाने की झंझट से बचने के लिए सरकारी के मुकाबले दोगुने रेट पर निजी केंद्रों पर जाकर ये दोनों टेस्ट करवा रहे हैं।
कैसे रेफर किए जा चुके हैं 10,000 से अधिक मरीज
जनवरी 2018 में दादरी से मरीजों को भिवानी रेफर करने की शुरुआत की गई थी। इसके लिए अस्पताल के पुराने भवन में एक कक्ष बनाया गया है। शुरुआती साल में तो प्रतिमाह 50 ही मरीज रेफर किए गए, जबकि, दूसरे साल इनकी संख्या 125 पहुंच गई। इसके बाद से प्रतिमाह 200 से अधिक मरीज भिवानी रेफर किए जा रहे हैं। इस लिहाज से यह आंकड़ा 10,000 से अधिक बनता है।
इन कैटेगरी के लिए निशुल्क है सुविधा
सरकार की ओर से छह कैटेगरी के लिए एमआरआई और सीटी स्कैन की निशुल्क सुविधा का प्रावधान किया गया है, जबकि, बाकी कैटेगरी के रेट डीजी ऑफिस से तय किए गए हैं। प्राइवेट के मुकाबले ये रेट आधे ही हैं। सरकारी कर्मचारी, बीपीएल कार्डधारक, एससी वर्ग, दिव्यांग, इकोनॉमिकल वीकर सेक्शन व हादसाग्रस्त मामले में ये दोनों सेवाएं निशुल्क हैं।
वर्सन:
वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मरीजों को भिवानी भेजा जा रहा है। आचार संहिता के चलते टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी। अब जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी कर मरीजों को दादरी सिविल अस्पताल में ही एमआरआई और सीटी स्कैन की सुविधा देने का प्रयास रहेगा।
-डॉ. आशीष मान, डिप्टी सीएमओ, जिला स्वास्थ्य विभाग
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एमआरआई और सीटी स्कैन के मरीजों को रेफर करने के लिए सिविल अस्पताल में बनाया गया काउंटर। संवाद
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Charkhi Dadri News: सीटी स्कैन और एमआरआई सुविधा नहीं, रेफर की झंझट में भाग-दौड़ करना मरीजों की मजबूरी