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संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Thu, 05 Sep 2024 03:23 AM IST

चरखी दादरी। किसी भी समाज की प्रगति सबसे अधिक शिक्षा पर निर्भर है। शिक्षक देश की नींव विद्यार्थियों के रूप में तैयार करता है। अगर यह कार्य पूरी शिद्दत व श्रद्धा भाव के साथ किया जाए तो कोई ताकत नहीं जो देश को प्रगति करने से रोक सके। वहीं, कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो शिक्षा का उजियारा फैलाने के साथ विभिन्न गतिविधियों के जरिये सामाजिक कर्तव्य भी बखूबी निभा रहे हैं। जिले में तैनात हरपाल आर्य और सुरेंद्र शास्त्री इनमें से एक हैं। इन दोनों शिक्षकों को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए राज्य शिक्षक अवाॅर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। शिक्षक दिवस पर दोनों शिक्षकों से बातचीत के अंश…
32 बार रक्तदान कर चुके हैं हरपाल, वर्ष 2022 में मिला पुरस्कार
गांव काकड़ौली हुक्मी की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत गांव बिलावल निवासी शिक्षक हरपाल आर्य को राज्य सरकार की ओर से शैक्षणिक व सामाजिक कार्य करने पर वर्ष 2022 में राज्य शिक्षक अवाॅर्ड दिया। वे वर्ष 2004 में शिक्षक नियुक्त हुए और तभी से विद्यार्थियों के लिए काम किया। स्कूल में अब तक वे 24 रक्तदान शिविर लगा चुके हैं और स्वयं 32 बार रक्तदान कर चुके हैं। इसके अलावा हर साल स्कूल व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पौधरोपण करते हैं। वे विद्यार्थियों को सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेल गतिविधियों में लेकर जाते हैं। साथ ही शिक्षकों की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बतौर मास्टर ट्रेनर तैनात किया जाता है। सफाई व सुंदरता में उनका स्कूल प्रथम स्थान रहा और संस्थान को आईएसओ प्रमाणित होने का दर्जा मिला।
वर्ष 2007 में सुरेंद्र शास्त्री को मिला था राज्य शिक्षक अवाॅर्ड
गुरुकुल एवं स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने पर वर्ष 2007 में डॉ. सुरेंद्र शास्त्री को राज्य शिक्षक पुरस्कार मिला था। उनका मानना है कि किसी भी शिक्षक का उद्देश्य केवल अवाॅर्ड प्राप्त करना नहीं होना चाहिए। वह नि:स्वार्थ भाव से विद्यार्थियों का भविष्य संवारने वाला हो। सुरेंद्र शास्त्री पीएचडी की उपाधि प्राप्त हैं और रक्तदान के क्षेत्र में उनका योगदान सराहनीय योगदान रहा है। वे सात बार रक्तदान कर चुके हैं और कई कैंप भी लगवाए हैं। वे महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों से प्रभावित हैं। वे लंबे समय से आर्य समाज से जुड़कर दादरी व पचगांव कन्या गुरुकुलों की कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। गुरुकुल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वे विभिन्न रूपों में सहयोग दे रहे हैं। उनकी तैनात समसपुर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य के पद पर है और वो हर वर्ष पौधरोपण करवाते हैं।
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Charkhi Dadri News: शिक्षा का उजियारा फैलाने के साथ सामाजिक दायित्व भी निभा रहे शिक्षक