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अब… मियावाकी वन क्षेत्र बनने के बाद नजर आ रही हरियाली।
चरखी दादरी। जापान की मियावाकी पौधरोपण तकनीक अपनाकर वन विभाग ने दमकल विभाग के पास छह माह से खाली पड़ी डेढ़ एकड़ जमीन की तस्वीर ही बदल दी। छह माह पहले तक जो जमीन बदहाल थी, वो पौधरोपण के बाद हरी-भरी नजर आ रही है। आने वाले समय में हरियाली बढ़ने से क्षेत्र का सुंदरीकरण भी बढ़ेगा।
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गौरतलब है कि जून में वन विभाग ने दमकल विभाग कार्यालय के समीप डेढ़ एकड़ जमीन पर मियावाकी पद्धति के तहत पौधरोपण किया था। इसके तहत यहां करीब 10 हजार औषधीय, फलदार व छायादार पौधे रोपित किए गए थे। छह माह बाद अब चिह्नित जगह का लुक बदला नजर आ रहा है। इतना ही नहीं मियावाकी वन क्षेत्र में जीव-जंतुओं ने भी शरण लेनी शुरू कर दी है। पर्यावरण संरक्षण और शहर की हवा को शुद्ध करने के लिए मियावाकी पद्धति से पौधरोपण किया गया था।
इन प्रजातियों के लगाए गए हैं पौधे
जिले के पहले मियावाकी वन क्षेत्र में 11 फलदार प्रजातियों के पौधों के साथ 13 फूलदार, 10 औषधीय व अन्य छायादार पौधे रोपित किए गए हैं। मियावाकी वन क्षेत्र के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ गुड़हल, कचनार, गुलमोहरी, कनेर व कैसी प्रजाति के पौधे लगे हैं।
विधायक भी कर चुके हैं दौरा
दादरी विधायक सुनील सांगवान पर्यावरण प्रेमी भी हैं। जेल अधीक्षक रहते हुए उन्होंने सुनारिया जेल में जापानी पद्धति से मियावाकी वन क्षेत्र तैयार कराया था जो चर्चा का विषय भी बना था। दादरी में तैयार किए गए मियावाकी वन क्षेत्र का विधायक भी दौरा कर चुके हैं।
अगर हमें शहर या आस पास में मियावाकी वन के लिए जगह मिल जाए तब हम वहां भी इसी प्रकार का वन क्षेत्र तैयार कर सकते हैं। शहर में मियावाकी वन का होना जरूरी है, क्योंकि यहां का अधिकतर क्षेत्र अरावली है जहां भवन निर्माण सामग्री का कार्य होता है।
– हेमंत पारिक, रेंज अधिकारी, वन विभाग
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Charkhi Dadri News: वन विभाग ने जापान की पौधरोपण तकनीक से बदली ऊबड़-खाबड़ जमीन की तस्वीर