बाढड़ा। उपमंडल बनने के साढ़े सात साल बाद भी बाढड़ा कस्बे को बाईपास की सौगात नहीं मिल पाई है। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल में इसकी घोषणा तो हुई, लेकिन गठबंधन टूटने से अधर में ही अटक गई। योजना को परवान चढ़ान में हुई लेटलतीफी अब जनता भुगत रही है और हलके के मतदाताओं के बीच यह भी चुनावी मुद्दा है।
बता दें कि दादरी को जिला बनाने के साथ अपनी पहली पारी में भाजपा ने बाढड़ा को उपमंडल का दर्जा दिया था। उसी दौरान बाढड़ा में बाईपास निर्माण की मांग उठी थी। इसके बाद जजपा के साथ भाजपा की दूसरी पारी में बाईपास निर्माण पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इसकी घोषणा की।
तत्कालीन उपमुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इस परियोजना की ड्राइंग तैयार करवाई गई, लेकिन उससे आगे प्रक्रिया नहीं बढ़ पाई। इसके बाद भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट गया और बाढड़ा में बाईपास निर्माण की योजना ठंडे बस्ते में चली गई। उसके बाद से जनप्रतिनिधियों व सरकार ने इस परियोजना पर ध्यान नहीं दिया जबकि अब बाढड़ा कस्बे में लगने वाले जाम से परेशान लोग बाईपास निर्माण की चर्चा प्रतिदिन कर रहे हैं।
इन मार्गाें पर लगा रहता है जाम
बाईपास की कमी के चलते बाढड़ा कस्बे में बाढड़ा-जुई रोड, बाढड़ा-कादमा रोड, बाढड़ा लोहारू रोड और बाढड़ा-दादरी रोड पर जाम की स्थिति रहती है। इसके चलते प्रतिदिन दस हजार से अधिक लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
चौड़ी नहीं सड़कें, अतिक्रमण भी ज्यादा
दादरी और लोहारू रोड को छोड़कर जुई व कादमा रोड ज्यादा चौड़े नहीं हैं। वहीं, चारों मुख्यमार्ग इस समय अतिक्रमण की जद में हैं जिसके चलते सड़कें और सिकुड़ गई हैं। आलम यह है कि दो वाहन एक साथ सड़क से नहीं गुजर पा रहे और जाम लग रहा है।
जनता की मांग पर दो बार भेजा गया प्रस्ताव
जनता की मांग पर बाईपास निर्माण का प्रस्ताव दो बार मुख्यालय भेजा गया है, लेकिन लंबा समय बीतने के बाद भी इसे परवान नहीं चढ़ाया जा सका। व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष संदीप सिंटी, जगत सिंह बाढड़ा, व्यापारी नेता जयबीर काकड़ौली, प्रदीप पंचगावां, सतबीर, महेश, नरेद्र जांगड़ा ने बताया कि कस्बे में आबादी बढ़ने से सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ा है जिससे जाम लग रहा है। बार- बार सरकार से बाईपास निर्माण की अपील कर रहे हैं और केवल कोरे आश्वासन मिल रहे हैं। जाम से उनके व्यापार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
बाईपास निर्माण से ये होगा फायदा
बाईपास निर्माण की मांग पूरी हो जाए तो कस्बे से गुजरने वाले दिल्ली, पिलानी व हिसार, नारनौल, रेवाड़ी को जाने वाले लंबी दूरी के वाहनों को कस्बे में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। बाईपास न होने से बाजार के विकास पर भी ग्रहण लगा हुआ है और इसके विस्तार में रुकावट बना हुआ है। पिछले वर्ष सांसद धर्मबीर सिंह ने सीएम को पत्र भेजकर बाईपास निर्माण की मांग की थी।
Charkhi Dadri News: बाढड़ा को बाईपास की नहीं मिली सौगात, प्रतिदिन जाम से जूझ रहे लोग