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बाढड़ा अनाज मंडी जिसका दायरा कम पड़ रहा है। संवाद
चुनावी मुद्दा::
35 साल पहले 25 कनाल 17 मरला जमीन पर बनाई गई थी बाढड़ा अनाज मंडी, खरीद सीजन में जगह की कमी के चलते बस स्टैंड परिसर में उतरवाना पड़ता है किसानों का गेहूं
बाढड़ा। 35 साल पहले बनी बाढड़ा अनाज मंडी का दायरा अब छोटा पड़ने लगा है। खरीद सीजन में यहां जगह की कमी हो जाती है। इसके चलते गेहूं या अन्य फसल से लदे किसानों के वाहन सार्वजनिक स्थानों पर खाली करवाने पड़ते हैं। इससे किसान और आढ़ती परेशान होते हैं। उन्होंने मंडी का दायरा बढ़ाने की मांग की है।
बाढड़ा अनाज मंडी में खरीद सीजन में तेजी आने पर जगह की कमी खलने लगती है। पिछले सीजन की बात करें तो किसानों का गेहूं बाढड़ा बस स्टैंड पर उतरवाया गया था। इसके बाद कई दिनों तक गेहूं का उठान नहीं हुआ। इससे बसों का संचालन दूसरी जगह से करना पड़ा। वहीं, जगह की कमी के चलते बार-बार खरीद भी रोकनी पड़ती है।
बाढड़ा मंडी का निर्माण 25 कनाल 17 मरला जमीन पर तत्कालीन कृषि मंत्री रणजीत सिंह ने 35 वर्ष पूर्व करवाया था। पिछले कुछ सीजन से अनाज की पैदावार व आवक बढ़ने से मंडी में जगह कम पड़ने लगी है। यही कारण है कि आढ़ती और किसान मंडी का दायरा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अब तक उनकी यह मांग परवान नहीं चढ़ी है। बाढड़ा हलके में इस चुनाव के दौरान यह भी बड़ा मुद्दा रहेगा।
– मौजूदा जगह पर शुरू की जाए सब्जी मंडी
बाढड़ा मंडी प्रधान हनुमान शर्मा व किसान नेता हरपाल भांडवा ने कहा कि मौजूदा अनाज मंडी को सब्जी मंडी बनाया जाए। बाढड़ा में नई अनाज मंडी की आवश्यकता है। इसके लिए कस्बे के समीपवर्ती क्षेत्र में ही जगह का चयन किया जाए। इसके बाद किसानों व आढ़तियों को राहत मिलेगी।
– हर सीजन में 25 हजार किसान बेचते हैं फसल
बाढड़ा मंडी की अगर बात करें तो हर खरीद सीजन में 15 हजार किसान अपनी फसल बेचते हैं। वहीं, क्षेत्र के करीब 65 गांवों के किसान भी बाढड़ा मंडी पर ही निर्भर हैं। अनाज मंडी में एक सीजन में औसतन दो लाख क्विंटल सरसों व एक लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की जाती है।
आढ़ती व किसान नेता बोले : बाढड़ा को नई अनाज मंडी की दरकार
– बाढड़ा मंडी का दायरा कम पड़ रहा है। आवक ज्यादा होने पर मंडी में जगह की कमी हो जाती है। इससे अनाज बाहर उतरवाना पड़ता है। बाढड़ा को नई अनाज मंडी की दरकार है।
-मनजीत नांधा, आढ़ती
-बाढड़ा में नई मंडी बनने के बाद ही जगह कम पड़ने संबंधी समस्या का समाधान संभव है। खरीद सीजन में यहां जगह की कमी हो जाती है। इससे बार-बार खरीद रोकनी पड़ती है।
-हरपाल भांडवा, किसान नेता
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बाढड़ा अनाज मंडी, जिसका दायरा कम पड़ रहा है। संवाद
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बाढड़ा मंडी परिसर में लगा शिलान्यास पट। संवाद
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अनाज मंडी में जगह कम पड़ने पर अप्रैल माह में बाढड़ा बस स्टैंड में उतरवाया गया किसानों का गेहूं। फाइल फोटो
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मनजीत नांधा।
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हरपाल भांडवा।
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Charkhi Dadri News: बाढड़ा अनाज मंडी का दायरा पड़ रहा छोटा, खरीद सीजन में किसान-आढ़ती होते हैं परेशान