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सूखा और गीला कचरा रखने के लिए बनाया गया टिनशेड।
चरखी दादरी। स्वच्छता मिशन 2.0 के तहत वेस्ट प्लास्टिक कचरे का निपटान करने के लिए वेंडर यानी एजेंसी से अनुबंध खत्म हुए डेढ़ साल बीत गए हैं। अब दोबारा अनुबंध न होने के कारण गांवों से कचरा निपटान नहीं हो पा रहा है। इस प्लान के तहत घर-घर से कचरे के उठान का प्रावधान है।
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वेंडर आठ रुपये प्रति किलोग्राम की दर से कचरे की खरीद करता था। बाद में वेंडर इस कचरे को पीडब्ल्यूडी तकनीकी शाखा को हेंडओवर करता था। इसके लिए गांवों में हालनुमा शेड बना रखी हैं। इस योजना में 15 वें वित्त आयोग के तहत बजट खर्च करने का प्रावधान है।
स्वच्छता मिशन के तहत गांवों व शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों का निर्माण कर इनको जीरो टैग से अटैच कर रखा है ताकि इनकी लोकेशन व वर्किंग की स्थिति का पता चलता रहे। जिला में इस मुहिम के तहत करीब चार हजार शौचालयों का निर्माण दो साल पहले हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे का निपटान विकट समस्या रही है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने की भी और जरूरत है।
करीब दो साल पहले सरकार ने इस कार्य के लिए वेंडर को वर्क अलॉट किया था। इस प्लान के तहत प्रतिदिन करीब तीन हजार किलोग्राम कचरे का उठान गांवों से किया जाता है। कचरा संग्रहण के लिए गांवों में एक जगह निश्चित की गई है ताकि नियमित रूप से उठान होता रहे। कचरे के उठान की एवज में वेंडर आठ रुपये प्रति किलोग्राम की दर से कचरा खरीदता था। बाद में वेंडर इस कचरे को पीडब्ल्यूडी की तकनीकी शाखा के पास भेजता था। पीडब्ल्यूडी की ओर से कचरे का इस्तेमाल सड़क निर्माण में किया जाता है।
36 गुना 25 वर्गगज है शेड का आकार
ओडीएफ फेज दो के तहत विभाग घुलनशील और अघुलनशील कचरे का प्रबंध करना है। ठोस व तरल कचरे के लिए अलग व्यवस्था की जाती है। इसके तहत गांवों में 36 गुना 25 वर्गगज की शेड बना रखी हैं। इस शेड के समीप कंपोस्ट सिस्टम लगा रखे हैं। इसमें दो अलग-अलग पार्टिशन बना रखे हैं जिसमें ठोस व तरल कचरा रखा जाता है। इसके तहत कांच की बोतल, प्लास्टिक व अन्य प्रकार के कचरे को अलग-अलग करके रखा जाएगा।
अनुबंध खत्म होने से आ रहीं दिक्कतें
अब वेंडर से अनुबंध खत्म होने और नया अनुबंध नहीं होने से कचरा निपटान में दिक्कत आ रही है। जिले में 168 ग्राम पंचायतें हैं और अब गांवों में कचरा उठान व्यवस्था ठप है। मजबूरीवश लोग खुले में फेंककर कचरे का निस्तारण कर रहे हैं। अनुबंध प्रक्रिया सिरे चढ़ने पर व्यवस्था में सुधार होगा।
कचरा प्रबंधन का कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। जल्द ही एजेंसी से अनुबंध किया जाएगा। सरकार हर स्तर पर कचरा प्रबंधन के प्रयासों में जुटी है ताकि शहर की तर्ज पर गांवों को भी साफ-सुथरा बनाया जा सके। लोगों को चाहिए कि वे इस अभियान में सहयोग करें ताकि स्वच्छता मिशन को सिरे चढ़ाया जाएगा। – सतीश कुमार, मैनेजर, स्वच्छता मिशन, चरखी दादरी।
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Charkhi Dadri News: डेढ़ साल बीतने पर भी गांवों में कचरे के निपटान की अनुबंध प्रक्रिया का इंतजार