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दादरी कोर्ट परिसर में घूमता बंदरों का झुंड। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
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चरखी दादरी। शहर को छुट्टा गोवंशों और उत्पाती बंदरों से निजात दिलाने के लिए नगर परिषद की ओर से चलाया गया अभियान मंदा पड़ गया है। एक तरफ गोवंश पकड़ने वाली एजेंसी के पास मजदूरों की कमी है तो दूसरी ओर बंदर पकड़ने वाली एजेंसी के पिंजरे भी खाली रह जा रहे हैं।
अभियान की गति का आलम यह है कि 19 दिनों में केवल 107 गोवंश और 10 दिनों में महज 28 बंदर पकड़े गए हैं। शहर में 1500 से अधिक छुट्टा गोवंश और 600 से ज्यादा बंदर घूम रहे हैं। इस संख्या को देखते हुए नगर परिषद के अधिकारियों ने बंदर व गोवंश पकड़ो अभियान के लिए अलग-अलग टेंडर लगाए थे। नवंबर के अंत में दोनों टेंडर सिरे चढ़े थे। इसके तुरंत बाद कार्यादेश जारी कर दिए गए थे।
इसके बाद एक एजेंसी ने 25 नवंबर की रात से शहर में गोवंश पकड़ो अभियान शुरू किया था। एक दिन के बाद अगले तीन दिन अभियान बंद रहा। उसके बाद 19 दिन बीतने पर भी एजेंसी शहर से केवल 107 गोवंश ही पकड़ पाई है। फिलहाल, मजदूरों की कमी से यह अभियान बंद है।
एजेंसी प्रतिनिधि का दावा है कि एक-दो दिन में मजदूर आ जाएंगे तो अभियान शुरू कर दिया जाएगा। दूसरी तरफ, बंदरों को पकड़ने का ठेका लेने वाली एजेंसी के पिंजरे में बंदर नहीं फंस रहे हैं। एजेंसी ने दो दिसंबर को पिंजरा रखना शुरू किया था। शनिवार शाम तक एजेंसी महज 28 बंदरों को ही पकड़ पाई है। शनिवार को संवाददाता ने कोर्ट परिसर का जायजा लिया तो वहां 56 बंदर मिले। झुंड में से कुछ बंदर दुपहिया वाहनों पर तो कुछ अधिवक्ताओं के चैंबर भवन के बाहर बैठे मिले। वहीं, नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि जल्द दोनों अभियान को रफ्तार दी जाएगी।
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Charkhi Dadri News: गोवंश-बंदर पकड़ो अभियान पड़ा मंदा, नहीं काम आया फंदा