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खेत में खड़ी धान की फसल। संवाद
चुनावी पेज मुद्दा::
दादरी अनाज मंडी में धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं कर पाई सरकार
बेरी, रोहतक, बहादुरगढ़, सांपला व जुलाना मंडी में पैदावार बेचकर आते हैं किसान
मौजूदा सीजन में धान की औसत पैदावार 2.40 लाख क्विंटल तक होने का अनुमान
संवाद न्यूज एजेंसी
चरखी दादरी। जिला चुनावी माहौल में रम चुका है। हर जगह क्षेत्र के मुद्दों, राजनेताओं की हलचल और पार्टियों की रणनीतियों पर चर्चा हो रही है। इन सबके बीच दादरी में धान खरीद केंद्र की कमी के मुद्दे पर किसान और व्यापारी वर्ग खुलकर चर्चा कर रहा है। दादरी अनाज मंडी में धान की खेती तो होती है, लेकिन लंबा समय बीतने के बाद यहां खरीद केंद्र की व्यवस्था नहीं है।
जिले में धान का सरकारी खरीद केंद्र न होने से किसानों को बेरी, रोहतक, बहादुरगढ़, सांपला, जींद व जुलाना की मंडियों में बिक्री करनी पड़ती है। इससे यातायात खर्च भी झेलना पड़ता है।
जिले में मौजूदा खरीफ सीजन में 14 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल है। सरकार ने 23 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू करने की घोषणा कर दी है। मौजूदा सीजन में धान की औसत पैदावार करीब दो लाख 40 हजार क्विंटल होने का अनुमान है।
बता दें कि चरखी दादरी दक्षिणी हरियाणा की एकमात्र तिलहन अनाज मंडी है। चरखी दादरी मंडी में झज्जर, महेंद्रगढ़ व भिवानी जिलों के किसान भी अनाज की बिक्री करने आते हैं। मंडी में रबी सीजन में सरसों, जौ, गेहूं व खरीफ सीजन में बाजरा, मूंग व कपास की खरीद की जाती है। खरीफ की प्रमुख फसल धान की खरीद के लिए दादरी मंडी में कोई व्यवस्था नहीं है।
– पिछले पांच सालों में बढ़ा रुझान
जिले के किसानों का पिछले पांच-छह सालों से धान की खेती के प्रति रुझान बढ़ा है। कारण यह कि इसकी अच्छी पैदावार मिल जाती है। कपास के बाद धान भी खरीफ सीजन की नकदी फसल मानी जाती है।
– मंडी में हैं 250 आढ़ती, एक भी नहीं करता खरीद
किसान दादरी मंडी में धान की सरकारी या प्राइवेट खरीद नहीं होने पर दूर-दराज की मंडियों में बेचने के लिए विवश हैं। इसके अलावा गांवों में पहुंचने वाले अनधिकृत दलालोंं को भी औने-पौने दामों में अपनी पैदावार बेचने के लिए विवश हैं। इससे किसानों को घाटा झेलना पड़ता है। दादरी अनाज मंडी में करीब 250 आढ़ती हैं। इनमें से एक भी आढ़ती धान की प्राइवेट तौर खरीद नहीं करता।
किसान बोले : धान की पैदावार बेचने में आती हैं दिक्कतें
किसान बल्लू फौगाट, सुखवीर सिंह कमोद, जगदीश कुमार, ढिल्लू फौगाट ने बताया कि क्षेत्र में धान की सरकारी खरीद नहीं होने से उन्हें बिक्री करने में दिक्कतें आ रही हैं। सरकार को दादरी अनाज मंडी में सरकारी खरीद शुरू करनी चाहिए। ताकि, उन्हें दूर की मंडियों में धान की बिक्री करने के लिए न जाना पड़े। मौजूदा सीजन में जिले में धान की औसत पैदावार करीब दो लाख 40 हजार क्विंटल तक होने की उम्मीद है।
वर्सन :
सरकार को धान की सरकारी खरीद शुरू करवानी चाहिए। दादरी मंडी में धान की सरकारी व प्राइवेट किसी भी तरह की खरीद नहीं होती है। सरकार धान की खरीद शुरू करे तो आढ़ती तैयार हैं।
-रामकुमार रिटोलिया, प्रधान, दादरी नई अनाज मंडी
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खेत में खड़ी धान की फसल। संवाद
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चरखी दादरी नई अनाज मंडी। संवाद
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Charkhi Dadri News: खरीद केंद्र की कमी से नहीं बेच पा रहे धान, दूसरे जिलों में जाने की विवशता

