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ग्राउंड रिपोर्ट:
मरीजों को सप्ताह में दो दिन ही मिल रही उधारी के चिकित्सक की सेवाएं, तीन दिन दूसरे गांवों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों की करनी पड़ रही भागदौड़
– छह माह का लंबा समय बीतने के बाद भी नहीं की गई स्थायी चिकित्सक की नियुक्ति
संवाद न्यूज एजेंसी
चरखी दादरी/कादमा। गांव कादमा पीएचसी की चिकित्सा व्यवस्था बीमार पड़ी है। इसके चलते मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का आलम यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थायी चिकित्सक ही तैनात नहीं है। सप्ताह में दो दिन प्रतिनियुक्ति पर एक अन्य स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक की यहां तैनाती की गई है जबकि बाकी दिन मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है।
स्थायी चिकित्सक तैनात न होने से यहां फार्मासिस्ट और नर्सें ही सामान्य बीमारियों की जांच कर मरीजों के लिए दवाएं लिखती हैं। ताकि, उन्हें दूर-दराज के स्वास्थ्य केंद्र पर जाने से राहत मिल सके। वहीं, दो दिन छोड़कर अन्य कार्यदिवस पर मरीज बाढड़ा पीएसपी, गोपी सीएचसी और दादरी सिविल अस्पताल जाकर उपचार करवाने के लिए विवश हैं।
संवाददाता ने कादमा पीएचसी की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति जानने के लिए ग्रामीणों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि स्थायी एक भी चिकित्सक तैनात नहीं है। सप्ताह में दो दिन प्रतिनियुक्ति पर चिकित्सक यहां तैनात किया गया है। बाकी तीन कार्यदिवस अन्य स्टाफ ही ओपीडी देखता है। ग्रामीणों ने विभाग से जल्द स्थायी चिकित्सकों की नियुक्ति करने की मांग की है।
कादमा की आबादी है नौ हजार, साढ़े चार हजार से ज्यादा मतदाता
बता दें कि गांव कादमा की आबादी करीब नौ हजार है। साढ़े चार हजार मतदाता हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर यहां पीएचसी है, लेकिन, उसमें चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई है। इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। वहीं, समीपवर्ती पांच गांवों के लोग भी उपचार के लिए कादमा पीएचसी पर निर्भर हैं।
भजनलाल सरकार के समय बनी थी पीएचसी
बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण 1991 में भजनलाल सरकार के समय कराया गया था। विभाग की ओर से इसमें एक महिला चिकित्सक की तैनाती की गई थी, लेकिन छह माह पहले चिकित्सक भी कोर्स करने चली गईं। अभी केवल दो नर्स और एक फार्मासिस्ट है।
ग्रामीण बोले : स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दरकार
– गांव में आबादी ज्यादा है। लोग उपचार के लिए सबसे पहले पीएचसी में जाते हैं। वहां चिकित्सक न होने से नर्स से उपचार करवाना पड़ता है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार कर दरकार है।
-नरेश गोयल, पूर्व जिला पार्षद
– सामान्य बीमारी खांसी, जुकाम आदि की दवा मिल जाती है, लेकिन सही परामर्श व उपचार के लिए चिकित्सक का होना आवश्यक है। पीएचसी में स्थायी चिकित्सक नहीं है।
-जगदीश कुमार, ग्रामीण
वर्सन:
अभी तक सीएमओ को केवल मौखिक तौर पर अवगत कराया गया है। अभी पंचायत सदस्य लिखित में डीसी और सीएमओ को पत्र देकर स्थायी चिकित्सक की नियुक्ति की मांग करेंगे। इसके बाद मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
-महेश कुमार, सरपंच प्रतिनिधि, कादमा
वर्सन:
चिकित्सकों की तैनाती के लिए मुख्यालय पत्राचार कर चुके हैं। जल्द ही कादमा पीएचसी पर चिकित्सक की तैनाती कर दी जाएगी।
-डॉ. आशीष मान, डिप्टी सीएमओ
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गांव कादमा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। संवाद
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नरेश गोयल।
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जगदीश कुमार।
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Charkhi Dadri News: उधारी के चिकित्सक के सहारे कादमा पीएचसी, मरीज परेशान

