अल्जाइमर दिवस विशेष::
बुढ़ापे से पहले ही रोग के प्रभाव से कमजोर हो जाती है याददाश्त, मनोरोग विशेषज्ञ व फिजिशियन की खल रही कमी
संवाद न्यूज एजेंसी
चरखी दादरी। 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस है। इस दिमागी उपचार की सुविधा दादरी सिविल अस्पताल में नहीं है। इसके चलते तीमारदारों को मरीज रोहतक, हिसार, गुरुग्राम और अन्य शहरों में उपचार के लिए ले जाने पड़ रहे हैं। दूसरी ओर विशेषज्ञों की सलाह है कि मोबाइल का ज्यादा प्रयोग भी इस बीमारी का कारण बन सकता है।
अल्जाइमर होने के वैसे तो कई कारण हैं, लेकिन, इनमें तनाव और एंजायटी सबसे अहम है। वहीं, काम के बोझ से भी घबराहट जैसी समस्या आती है, जो मानसिक बीमारी को जन्म देती है। अल्जाइमर का अगर समय रहते उपचार नहीं किया जाए तो रोग के परिणाम गंभीर हो सकते हैं। अहम बात यह है कि बुढ़ापे से पहले भी लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं।
दादरी सिविल अस्पताल की बात करें तो मनोरोग विशेषज्ञ और फिजिशियन का पद लंबे समय से खाली है। विशेषज्ञों की कमी के चलते ही दादरी सिविल अस्पताल में अल्जाइमर के मरीज नहीं आते और तीमारदार मरीज को सीधे दूसरे शहरों में ले जाते हैं। इसके बाद प्रति विजिट उनको आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। अगर विशेषज्ञ की तैनाती हो तो मरीजों को दादरी सिविल अस्पताल में ही उपचार मिल सके और उन्हें दूसरे जिलों की भागदौड़ न करनी पड़े।
– मोबाइल का ज्यादा प्रयोग याददाश्त पर डालता है असर : डॉ. नरेंद्र
डिप्टी सीएमओ डॉ. नरेंद्र ने बताया कि मोबाइल के ज्यादा प्रयोग से भी याददाश्त पर असर पड़ता है। मोबाइल के प्रयोग के चलते लोग तनाव का भी शिकार हाे रहे हैं जो मानसिक बीमारियों का कारण बनता है। खासकर युवा मोबाइल का कम से कम उपयोग करें।
फोटो 38 चरखी दादरी सिविल अस्पताल भवन। संवाद
Charkhi Dadri News: अल्जाइमर के उपचार की सिविल अस्पताल में नहीं है सुविधा