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बाढड़ा हलके के गांव में बना पानी का टैंक। संवाद
अब लोग पड़ोसी राज्य राजस्थान की तर्ज पर जलकुंड के पानी को कर सकेंगे घरेलू कार्याें में इस्तेमाल
संवाद न्यूज एजेंसी
चरखी दादरी। अब लोग पड़ोसी राज्य राजस्थान की तर्ज पर जलकुंड के पानी को घरेलू कार्याें में इस्तेमाल कर सकेंगे। मानसून के दौरान के पानी का संचयन करने के लिए अटल भूजल योजना के तहत जिले में 80 जलकुंड बनकर तैयार हो गए हैं। इन कुंडों में बारिश के पानी को संचित किया जा रहा है। ताकि, लोग इसका इस्तेमाल कर सकें और भूमिगत जलस्तर पर भी ऊपर आ जाए।
बता दें कि राजस्थान में गांवस्तर पर पानी के कुंड बनाए गए हैं। वहां पानी का संकट बना रहता है। बारिश के मौसम में पानी को संचित कर इन कुंडों को भर दिया जाता है। इस पानी का लोग पीने व अन्य घरेलू कार्याें में इस्तेमाल करते हैं। अब यही नौबत हरियाणा प्रांत में भी आ गई है।
पिछले एक दशक से मानसून की बारिश कम होने की वजह से भूमिगत जलस्तर घटता जा रहा है। जलवायु परिवर्तन की वजह से ग्लेशियर पिघल रहे हैं। इससे नहरों में भी पानी का अभाव बना रहता है। आने वाले समय में तो हालात और विकट हो जाएंगे।
जिले के बाढड़ा उपमंडल में पेयजल व सिंचाई के लिए हालात बेहद खराब बने हुए हैं। इस क्षेत्र में जमीनी पानी 400 फीट नीचे है। अब तो यह भी खारा होने लगा है। जमीनी पानी रिचार्ज नहीं होने की वजह से पानी सोडिक एवं लवणीय होने लगा है। फसलों की सिंचाई के लिहाज से भी गुणवत्तापरक नहीं है। गिरते भूमिगत जलस्तर को सुधारने की दिशा में सरकार की ओर से भी खासे प्रयास किए गए हैं। इसके तहत जमीनी बोरिंग किए गए हैं। गांवों में सोख्ता गड्ढे बनाए गए हैं ताकि पानी जमीन में जाकर रिचार्ज हो सके।
– कुंड की तलहटी की गई पक्की
अब पानी के बढ़ते संकट को देखते हुए विभाग ने जिले में 80 जलकुंड बनाए हैं। इन कुंडों में बारिश का पानी डाला जा रहा है। कुंड की तलहटी को पक्का बनाया गया है। ऊपर से इनको ढका गया है। ताकि, पानी की गुणवत्ता बनी रहे और इसका लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सके। ये कुंड ज्यादातर बाढड़ा उपमंडल के गांवों मेंं बनाए गए हैं। ग्राम पंचायत व शामलात जमीन पर बनाए गए हैं। ताकि, जमीनी पानी भी रिचार्ज होता रहे और पानी का घरेलू कार्यों में भी इस्तेमाल किया जा सके।
वर्सन :
भूमिगत पानी रिचार्ज करने व लोगों की पेयजल संबंंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए इन जलकुंडों का निर्माण किया गया है। इनको ऊपर से ढका गया है। तलहटी को पक्का किया गया है। ताकि, पानी साफ-सुथरा बना रहे। आने वाले समय को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
-खुर्शीद अहमद, जन सूचना, संचार एवं जल विशेषज्ञ
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बाढड़ा हलके के गांव में बना जलकुंड। संवाद
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Charkhi Dadri News: अटल भूजल योजना के तहत क्षेत्र में 80 जलकुंड बनकर तैयार