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पानी से लबालब जिले की मुख्य लोहारू नहर। संवाद
– लंबे समय बाद टेल हुईं फीड, जलघरों तक भी पर्याप्त मात्रा में पहुंच रहा पानी, जिले में हैं 78 नहरें व माइनर
– बारिश के बाद पानी की खपत भी 40 प्रतिशत तक हो गई कम
संवाद न्यूज एजेंसी
चरखी दादरी। बारिश की वजह से जिले की नहरों में पानी लगातार चलने से अब डिस्ट्रीब्यूटरी, माइनर व सब माइनर की टेल फीड होने लगी हैं। मौजूदा स्थिति देखें तो 80 प्रतिशत नहरों व माइनरों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचा है।
बारिश के बाद गर्मी का प्रकोप कम हुआ है। इसके चलते पानी की खपत भी 40 प्रतिशत तक कम हो गई है। वहीं, खेतों की सिंचाई के लिए भी अब पानी की जरूरत नहीं है। इस समय जिले की सभी माइनरें, सब माइनरें व नहरों में पानी चल रहा है।
मानसून की बारिश होने पर सिंंचाई के लिए पानी की जरूरत खत्म हो गई है। इससे नहरी पानी की चोरी भी शून्य बनी हुई है। जिले की मेन लोहारू कैनाल और बधवाना डिस्टीब्यूटरी के अलावा माइनर व सब माइनरों में भी पानी चल रहा है। लोहारू कैनाल से मेन चंपापुरी जलघर में पानी डाला जा रहा है। बधवाना नहर से नगर के रामनगर के जलघर में पानी डाला जा रहा है।
अब डिस्टीब्यूटरी, माइनरों व सब माइनरों की टेल फीड होेने लगी हैं। इनके अंतिम छोर पर पड़ने वाले गांवों में पानी पहुंच गया है। इन गांवों में बने जलघरों में भी पानी पहुंच रहा है। बधवाना डिस्टीब्यूटरी की टेल बुर्जी नंबर-10 2500 तक पानी पहुंच गया है। यह बुर्जी गांव बधवाना के समीप पड़ती है। मेन लोहारू कैनाल की टेल भी कुछ दिन में फीड होने वाली है। यह टेल लोहारू के समीप सोहासड़ा के समीप पड़ती है।
नहरों से ही भरे जाते हैं सभी जलघर
तकरीबन सभी माइनरों में पानी चल रहा है। जिले में माइनर, सब माइनर व बड़ी नहरों की संख्या 78 है। सभी जलघर नहरों से ही भरे जाते हैं। जलघरों से प्रतिदिन पानी की आपूर्ति घरों में होती है। ऐसे में जितना पानी घटता है, उतना ही और भर जाता है। ऐसे में पानी का संकट काफी कम हुआ है। मानसून के मौसम में दो माह ही लोगों को पेयजल संकट से थोड़ी राहत मिलती है। उसके बाद 10 माह तक समस्या बनी रहती है।
– इन गांवों के जलघरों में पहुंचा पानी
इस समय बौंदकलां, सांवड़, मिसरी, रावलधी, शहर दादरी, घसोला, मंदोला, ढाणी फौगाट, इमलोटा, अचीना, सांजरवास, रानीला, पैतावास कलां, चरखी सहित तकरीबन सभी गांवों के जलघरों में पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंच रहा है। मानसून का मौसम खत्म होने के बाद 24 दिन नहरों में पानी बंद रहेगा और 16 दिन चलेगा। ऐसे में पानी का संकट फिर से गहरा जाएगा। कारण यह कि जलघरों में बने वाटर टैंकों की स्टोरेज क्षमता काफी कम है।
वर्सन :
अगर इसी प्रकार बारिश होती रही तो पहाड़ों से बारिश का पानी नहरों में आता रहेगा। पानी अब नहरों के अंतिम छोर तक पहुंच रहा है। जलघरों में भी पानी पहुंच रहा है।
-हरवीर सिंह, एसडीओ, सिंचाई विभाग
फोटो- 34
पानी से लबालब जिले की मुख्य लोहारू नहर। संवाद
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Charkhi Dadri News: बारिश के मौसम में 80 प्रतिशत नहरों और माइनरों के अंतिम छोर पर पहुंचा पानी