चंडीगढ़। शहर के करीब 25 हजार बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को केंद्र सरकार ने झटका दिया है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि चंडीगढ़ में बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
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शहर के सांसद मनीष तिवारी के सवाल के जवाब में केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने यह जानकारी दी। चंडीगढ़ में आखिरी बार 2016 में पेंशन बढ़ाई गई थी, और तब से अब तक बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को महज 1000 रुपये महीना पेंशन मिल रही है। महंगाई के इस दौर में इतनी कम राशि से जीवन यापन नामुमकिन है, लेकिन प्रशासन और केंद्र सरकार इस अहम मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं।
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सांसद तिवारी ने कहा कि उन्होंने संसद में इस मुद्दे को उठाया और सरकार से पूछा कि कब-कब इन पेंशनों में बदलाव किया गया। जवाब में मंत्री ने बताया कि चंडीगढ़ में वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन की दरों को आखिरी बार 2016 में संशोधित किया गया था। इसके बाद दिसंबर 2017 में भी कुछ बदलाव हुए, लेकिन तब से अब तक कोई नया संशोधन नहीं हुआ है।
पंजाब-हरियाणा के मुकाबले पिछड़ा चंडीगढ़
सांसद तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने पेंशन में बढ़ोतरी के लिए केंद्र को कोई प्रस्ताव ही नहीं भेजा। चंडीगढ़ की पेंशन दरें पंजाब और हरियाणा के मुकाबले काफी पीछे हैं। प्रशासन ने वर्ष 2011, 2012 और 2016 में केंद्र को प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन उसके बाद यह पूरी तरह ठप पड़ा है। तिवारी ने मांग की कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मुद्दे पर कार्रवाई करे ताकि समाज के सबसे कमजोर वर्गों को उनका हक मिल सके।
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Chandigarh News: 25 हजार बुजुर्ग-दिव्यांगों को झटका, केंद्र ने कहा- पेंशन बढ़ाने के लिए हमारे पास कोई प्रस्ताव नहीं