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चंडीगढ़। रॉक गार्डन के संस्थापक पद्मश्री नेकचंद की 100वीं जयंती पर रविवार को पूरा शहर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। नेकचंद ने अपनी सृजनात्मकता और अडिग इच्छाशक्ति से न केवल रॉक गार्डन बनाया, बल्कि चंडीगढ़ को अंतरराष्ट्रीय पहचान भी दिलाई। रॉक गार्डन की हर चीज खास है। गार्डन में लगे ‘मैजिक मिरर’ का कहानी भी बड़ी अलग है। इन्हें नेकचंद ने बेल्जियम से मंगवाए थे। नेकचंद ने वेस्ट सामग्रियों जैसे टूटी टाइल्स, कांच, और औद्योगिक कचरे का उपयोग कर रॉक गार्डन की नींव रखी। उनकी इस पहल ने पर्यावरण संरक्षण और रिसाइकिल के महत्व को एक नई दिशा दी। आज रॉक गार्डन चंडीगढ़ का गौरव है और हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं। रॉक गार्डन में जो शीशे लगे हैं, जिसमें देखने पर आदमी छोटा-बड़ा नजर आता है। उसकी भी बेहद रोचक कहानी है। यह शीशे बेल्जियम से मंगाए गए थे, जिसके लिए पद्मश्री नेकचंद ने खुद लंदन में अधिकारियों से बात की थी, इसके बाद यह शीशे भारत पहुंचे थे।
इसमें चंडीगढ़ प्रशासन ने भी पूरा साथ दिया था और कहा था कि भले कितना खर्च हो जाए, इन्हें चंडीगढ़ लाया जाएगा। हाल ही में रिलीज हुए नेक चंद के एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने खुद शीशे की कहानी बताई थी। बताया कि ऐसे शीशे भारत में नहीं मिल रहे थे तो उन्होंने लंदन में कुछ अधिकारियों से आग्रह किया। उन्होंने बेल्जियम से इन शीशों को खरीदा और भारत भेजा। जब वह शीशे भारत पहुंचे तो कस्टम से चिट्ठी आई कि उनका माल पहुंच गया है, वह ले जाएं। शीशों को लाने के लिए प्रशासन ने इंजीनियरिंग विभाग के एक एक्सइन की ड्यूटी लगाई। जब वह सामान लेने गए तो काफी ज्यादा थे, लेकिन प्रशासन के स्पष्ट निर्देश थे चाहे जितने मर्जी पैसे लग जाए कोई भी सामान छोड़ना नहीं है। इस तरह यह शीशे रॉक गार्डन में पहुंचे, जो आज गार्डन की शान हैं।
पत्थरों को तराशने वाले शिल्पकार ने पहली सड़क भी बनाई
नेकचंद के बेटे अनुज सैनी ने कहा कि वह खेलने के लिए अपने पिता के साथ रॉक गार्डन में आते थे। उनके लिए यह खेल ही होता था, जब उनके पिता मूर्तियों पर काम कर रहे होते थे। कहा कि यह उनके पिता का त्याग ही था जिससे उन्होंने पूरी एक नगरी खड़ी कर दी, जो सोच से भी परे हैं। उन्होंने बताया कि शहर की पहली सड़क जो प्रेस बिल्डिंग से बस स्टैंड की तरफ जाती है, वो भी उन्होंने ही बनवाई है। रॉक गार्डन की जगह उस जमाने में यह पीडब्ल्यूडी का स्टोर हुआ करता था, उसके सामने वाली सड़क भी उन्होंने ही बनवाई थी। चंडीगढ़ उनके सपनों का शहर है, वो हर किसी के सामने तारीफ करते रहते थे।
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Chandigarh News: रॉक गार्डन की शान मैजिक मिरर… नेक चंद ने बेल्जियम से मंगवाए थे