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मोहाली। बलौंगी समेत कई गांवों को नगर निगम में शामिल न करने पर बड़माजरा के ग्रामीण नाराज हैं। ग्रामीणों ने सरकार पर बड़माजरा को जानबूझकर नगर निगम में शामिल न करने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि यह फैसला न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि हदबंदी को लेकर भी कई सवाल खड़े करता है। इस मामले में शनिवार को गांव में बैठक की गई। नंबरदार कुलविंदर सिंह और बलबीर सिंह ने बताया कि जब आसपास के गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया, तो बड़माजरा को क्यों नजरअंदाज किया गया।
उन्होंने कहा कि एटीएस प्रोजेक्ट को नगर निगम में शामिल कर लिया गया है, जबकि यह प्रोजेक्ट वास्तव में बड़माजरा गांव की सीमा में आता है। इसके बावजूद गांव को बाहर रखना समझ से परे है। ग्रामीणों ने याद दिलाया कि वर्ष 2021 में बड़माजरा को नगर निगम में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी भी मिल चुकी थी, फिर भी अब गांव को अलग रखा गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिन गांवों ने नगर निगम में शामिल होने के लिए संघर्ष किया, उन्हें तो शामिल कर लिया गया, लेकिन जिन्होंने सड़क पर उतरकर आंदोलन नहीं किया, उनके साथ भेदभाव किया गया। उन्होंने बताया कि गांव में करीब 50 से 55 एकड़ क्षेत्र पहले ही विकसित हो चुका है।
शहरी सुविधाओं की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है। गांववासियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार चाहती है कि वे भी अपने हक के लिए संघर्ष करे और सड़कों पर उतरें, तो वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर बड़माजरा को जल्द नगर निगम में शामिल नहीं किया गया तो मजबूरी में आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।
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Chandigarh News: निगम में शामिल न करने पर बड़माजरा के ग्रामीण नाराज, आंदोलन की चेतावनी


